सलाहुद्दीन अयूबी की रिपोर्ट
नई दिल्ली । 5 जनवरी 2025, रविवार। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने बुजुर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस फैसले के अनुसार, यदि बच्चे अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं, तो उन्हें दी गई प्रॉपर्टी और गिफ्ट वापस ले लिए जा सकते हैं।
इस फैसले के पीछे का मकसद यह है कि बच्चों को अपने माता-पिता के प्रति जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित किया जाए। अक्सर देखा जाता है कि बच्चे अपने माता-पिता के नाम पर प्रॉपर्टी ले लेते हैं, लेकिन उनकी देखभाल नहीं करते हैं।
इससे बुजुर्गों को बहुत परेशानी होती है और वे अकेले और असहाय महसूस करते हैं। इस फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चे अपने माता-पिता की देखभाल करें और उनकी जरूरतों को पूरा करें । यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें दी गई प्रॉपर्टी और गिफ्ट वापस ले लिए जा सकते हैं।
यह फैसला न केवल बुजुर्गों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक कदम है। इससे परिवार में संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी और बुजुर्गों को सम्मान और देखभाल मिलेगी जिसके वे हकदार हैं।”