राहुल वर्मा की रिपोर्ट
इंदौर। में रविवार सुबह अरविंदो हॉस्पिटल में भारी हंगामा मच गया कारण था कि हातोद निवासी मृतक युवक का शव बड़वाह के लोगों को सौंप दिया हंगामे के बीच लोगों ने नेताओं को फोन भी कर दिया,इसके बाद बाणगंगा पुलिस मौके पर पहुंची और बड़वाह से शव वापस बुलाकर परिजनों को सुपुर्द किया दरअसल हातोद निवासी गुलाब को डेंगू की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था शनिवार देर रात मरीज की मौत हो गई,जिसका शव मर्चुरी में रखवा दिया था,रविवार सुबह जब परिजन शव लेनेअस्पताल पहुंचे तो शव वहां नहीं था इस पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया
हंगामा के बीच नेताओं को फोन भी लगाए तो उधर से अस्पताल के फोन भी घन घनाना शुरू हो गए और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई अस्पताल प्रशासन ने रजिस्टर चेक किया तो पता चला कि उक्त शव को बड़वाह के पास किसी परिजन को सौंप दिया फिर फोन कर शव को वापस इंदौर बुलवाया पूरे घटनाक्रम में अस्पताल प्रशासन की एक नहीं बल्कि दोगंभीर लापरवाही सामने आई है
जिसमें पहली तो यह कि हातोद निवासी मृतक का शव बड़वाह के लोगों के सुपुर्द कर दिया और दूसरी यह कि फिर जो बड़वाह के पास से परिजन इलाज हेतु अपने मरीज के साथ यहां पहुंचे थे तो आखिर उनके मरीज का शव कहा था जो उन्हें किसी दूसरे मृतक का शव पकड़ा दिया ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि कोरोना काल में अस्पतालों में किस प्रकार से लापरवाही हुई होगी क्योंकि तब तो शव को पन्नी में पैक कर दिए गए और ज्यादातर लोगों ने तो स्वीपर को ही पैसे देकर इलेक्ट्रिक दाह संस्कार करवा दिए
इस नयी पीढ़ी ने ना तो दाह संस्कार किया और ना ही ज्यादातर को पूर्णतः कंफर्म हुआ कि जिनके नियमित वे मरणोपरांत कार्यक्रम कर रहे हैं वह वही लोग थे जिन्हें अंतिम द्वार तक डरते हुए छोड़कर आए थे ऐसे में उन तमाम मृत आत्माओं को कैसे शांति मिली होगी,,कुछ समय बाद यही परिजन जब संपत्ति को लेकर आपस में भिड़े होंगे तो वे मृत आत्माएं भी इन पर हंसी होगी कि हमने कैसी औलादें पैदा की जिन्हें दाह संस्कार तक का ठीक से होश नहीं रहा और संपत्ति पर अधिकार को लेकर भीड़ रहें हैं।