सुप्रीम कोर्ट ने कहा “दहेज़ प्रताड़ना की शिकायतें उस स्थान पर दर्ज की जा सकती हैं जहां क्रूरता के कारण पति का घर छोड़ने के बाद पत्नी आश्रय चाहती है या आश्रय लिया है!
(प्रताप टुड़े न्यूज)
दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि क्रूरता के कारण अपने पति का घर छोड़ने के बाद पत्नी जिस स्थान पर आश्रय लेती है, उसे मामले की विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर आईपीसी की धारा 498 के तहत शिकायतों पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र होगा । यह फैसला बेंगलुरु के सत्र न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) की सुनवाई के दौरान आया, जिसने एक आरोपी पति को राज्य से बाहर जमानत दे दी थी।
याचिकाकर्ता ने यह तर्क देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि जिस स्थान पर पत्नी अपना वैवाहिक घर छोड़ने के बाद आश्रय लेती है, वहां की अदालतों को आईपीसी की धारा 498-ए के तहत अपराध करने का आरोप लगाने वाली शिकायत पर विचार करने का अधिकार होना चाहिए। इस विशेष मामले में, अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता-पत्नी को कथित तौर पर मौत की धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा,
जिसके कारण वह राजस्थान के चिरावा में अपने माता-पिता के घर लौट आई । इसलिए, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि चिड़ावा को सुनवाई का सामान्य स्थान माना जा सकता है तथा आरोपी पति को आदेशित किया कि वह चिडावा की कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करे।