शहर के पूर्व विधायक संजीव राजा अलीगढ़ शहर वासियों को अलविदा
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । यादगार जीवन 1 फरवरी 1961 में जन्में संजीव राजा ने 62 साल की उम्र में शहर की जनता को कहा अलविदा । संजीव राजा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन शुरूआत की और भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए। 2017 में शहर विधायक का चुनाव जीता। उनके कार्यकाल के बाद उनकी पत्नी मुक्ता राजा शहर से विधायक चुनी गईं।
अलीगढ़ वासियों के लिए केवल एक नाम ही नहीं था बल्कि यह एक ऐसे व्यक्तित्व का परिचय था जिसने अलीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से हिंदुत्व को एक ऐसी पहचान दी कि इनकी कार्यशैली ही हिंदुत्व का पर्याय हो गई लोकप्रियता का आलम यह कि समाज के प्रत्येक वर्ग में इनको वह स्थान मिलता चला गया जो उस समाज में उनके अपने जातिगत नेताओं को भी नहीं मिला ।
राजनीति की शुद्धता का इतना बड़ा पैमाना रखा कि अपने अलावा कभी अपने भाई भतीजों को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया हमेशा कार्यकर्ताओं को ही आगे बढ़ाया ।अचानक उनका साथ छोड़ जाना ऐसा लगता है ।
कि आज हम अभिवावक विहीन हो गए फ़िलहाल राजनीति का ऐसा शून्य पैदा हो गया है । जिसकी भरपाई अलीगढ़ वासियों के लिए लम्बे समय तक संभव नहीं होगी । लोग आयेंगे और जायेंगे लेकिन वजीरगंज में जन्मे इस लाल को अलीगढ़ में अपनी ननीहाल में यहाँ की जनता ने “ राजा “ बना दिया और राजा ने भी मरते दम तक अपना राजा का फ़र्ज़ निभाया भी अपने आप को इस समाज के लिए समर्पित कर दिया ,
सभी अश्रुपूरित आँखों से अपने इस नायक को विदाई देते हैं । यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अलीगढ़ सदर से पूर्व विधायक संजीव राजा जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें।
केशव प्रसाद मौर्य ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की और साथ ही अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने भी पूर्व शहर विधायक को ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की।