संजय सोनी की रिपोर्ट
महानगर । अलीगढ़ में देहदान , रक्तदान एवम नेत्रदान कराने को संकल्पित संस्था देहदान कर्तव्य संस्था के अनुकरणीय कार्य को देखते हुए संस्था का सम्मान दिल्ली में किया गया है । देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार देहदान कर्त्तव्य संस्था का सम्मान डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में दधीचि देहदान समिति देहली द्वारा आयोजित कार्यक्रम में फौरटिस एस्कार्ट में देहदानियो के उत्सव पर किया गया।
इस अवसर पर देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ ने कुछ दिन पहले आई ज्वलंत समस्या ए एम यू नेत्र विभाग के रजिस्ट्रेशन रिनुवल ना होने वाले मुद्दे को भी उठाया। डॉ गौड़ ने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि नेत्रदान व देहदान ही एक मात्र विकल्प है मृत्यु पश्चात जीवित रहने का।
डॉ विशाल रस्तोगी ने अंग दान के बारे में कहा कि आत्मा अजर/अमर है। केवल आपकी आहुति पर आपके हित में दे रहे हैं। अंग दान ना करने हेतु बहाने नहीं बनाने चाहिए। आप तो केवल दान करिए , विशेषज्ञों द्वारा निर्णय लिया जाएगा कि कौन कर सकता है या नहीं। दधीचि देह दान समिति के संरक्षक आलोक कुमार ने कहा हम दान नहीं कर बल्कि ईश्वर की दी अमानत को उसी के बन्दे को आहुति के रूप में भेंट कर रहे हैं। इस अवसर पर डॉ डी के वर्मा (मीडिया प्रभारी),इंजीo योगेश शर्मा (सक्रीय सदस्य) राजीव गोयल, दीपक गोयल, विकास भाटिया, भुवनेश कुमार वार्ष्णेय आदि सहयोगी बने ।