नीरज जैन की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद । तम्बाकू नियंत्रण अभियान के तहत शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में स्वास्थ्य कर्मियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ । इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार ने कहा कि तंबाकू हमारी सेहत के लिए कितनी घातक हो सकती है यह तो कोई कैंसर या टीबी रोगी से पूछे ।
सीएमओ ने कहा कि पुरुष ही नहीं महिलाएं और कम उम्र के बच्चे भी बीड़ी, सिगरेट मसाला के लती होते जा रहे हैं, बच्चे तो अपने माता पिता और समाज की नज़रों से बच कर गलीमोहल्ले और गली के कोने में छुपकर तंबाकू का सेवन कर रहे हैं । उनको यह सब अभी सही लग रहा होगा लेकिन यह उनके जीवन को गर्त की ओर ले जा रहा हैं ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने कहा कि आज का युवा वर्ग यह नहीं समझना चाहता कि तंबाकू का सेवन उसके लिए कितना खतरनाक है यह उसके जीवन को ही नहीं अपितु परिवार और समाज को भी बर्बाद कर रहा है ।
जिला क्षय रोग विभाग से डीपीसी (जिला समन्वयक) सौरभ तिवारी ने बताया कि तंबाकू और टीबी का बहुत गहरा संबंध है । तंबाकू, गुटखा, शराब, बीडी, सिगरेट आदि का सेवन करने वाले लोगों की जांच करने पर 5 से 10 प्रतिशत लोगों में टीबी निकल आती है ।
सौरभ बताते है कि इस समय जिले में 1981 मरीज़ टीबी से ग्रसित हैं जिनका इलाज चल रहा है ।
तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के जनपद सलाहकार सूरज दुबे ने बताया कि तंबाकू का सेवन एक मीठा जहर है यह हमारे शरीर को अंदर से धीरे धीरे खोखला कर रह है । हम अगर स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो इसको छोड़ना होगा । सूरज ने बताया कि एक अप्रैल 2018 से अब तक लगभग 71661 लोगों की तंबाकू से बने उत्पादों को छोड़ने के लिए काउंसलिंग की जा चुकी है ।
सूरज ने बताया कि इस प्रशिक्षण में आरबीएसके, आरकेएसके, एनसीडी काउंसलर के साथ ही सीएचओ और आशा संगिनी को शामिल करने का मुख्य उद्देश्य थ कि यह लोग सीधे समुदाय के सम्पर्क में आते रहते हैं । यह लोग जनसंपर्क के दौरान या अस्पताल में आने वाले लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगे । इस दौरान एसटीएस प्रदीप,कुलदीप, एनटीइपी अकाउंटेंट पुष्पेंद्र सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।