ठाकुर धर्म सिह ब्रजवासी की रिपोर्ट
वृन्दावन । रुक्मिणी विहार स्थित “कृष्णा वैभव” (कृष्णा हाइट्स) में मुंबई की श्रीभागवत समिति के द्वारा चल रहे अष्ट दिवसीय ब्रज महामहोत्सव के अंतर्गत सोमवार को प्रख्यात अध्यात्मविद स्वामी डॉ. देवकीनंदन शर्मा महाराज के निर्देशन में अनेकों भक्तों-श्रद्धालुओं में केशीघाट पर श्रीयमुना महारानी का दिव्य व भव्य चुनरी मनोरथ किया।सर्वप्रथम यमुना महारानी का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।साथ ही प्रख्यात भजन गायकों द्वारा यमुना महारानी की महिमा से ओतप्रोत भजनों का गायन किया गया। तदोपरांत करीब 35 नौकाओं में बैठे सैकड़ों भक्तों ने यमुना महारानी को हजारों मीटर लंबी चुनरी ओढ़ाई।इसके अलावा एक नौका में ठाकुर विग्रह को विराजित कर भव्य फूल बंगला सजाया गया।
स्वामी डॉ. देवकीनंदन शर्मा महाराज ने कहा कि यमुना महारानी ब्रजवासियों की परमाराध्य हैं।उनकी महिमा वेदों व पुराणों में भी कहीं गई है। गर्ग संहिता के अनुसार श्री यमुना महारानी गोलोक से ही आयी हैं और गोलोक ही पहुंचती हैं। इन्होंने सदियों और सभ्यताओं के उत्थान-पतन देखे, लेकिन इनका प्रवाह कभी बाधित नहीं हुआ।यमुना महारानी ने अपने पिता सूर्यदेव और भ्राता शनिदेव को भी ब्रज में ही बसाया है।जिनके दर्शनों के लिए यहां देश-विदेश के श्रृद्धालु ब्रज में आते हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि यमुना महारानी सप्त नदियों में से एक हैं।ये अत्यंत चमत्कारी व पुण्यदाई हैं। इनकी पूजा व आराधना करने से व्यक्ति को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।प्राचीन काल के वेदव्यास, सौभर ऋषि, गर्गाचार्य,पाराशर, अत्रि, दुर्वासा आदि की विद्या का विकास भी यमुना महारानी की धारा के संस्पर्श से ही हुआ है।इसीलिए आज यहां चुनरी मनोरथ का आयोजन श्रीभागवत समिति के द्वारा किया गया है।
इस अवसर पर रासाचार्य भारत भूषण शर्मा व सौरभ शर्मा, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, अनिल अग्रवाल, सारिका अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, अशोक जैन, महेश गाडिया व किरण गाडिया, डॉ. सचिन अग्रवाल, डॉ. मनोज बंसल,ओमप्रकाश झाझूका,राजीव अग्रवाल,रजत अग्रवाल,महेश झाझूका,सत्यप्रकाश अग्रवाल,गोकुल चंद्र सिकरिया, महेश मित्तल, राकेश खेतान, रतन झाऊवाला, दीनदयाल डीडवानिया, सुरेन्द्र मोदी (मुम्बई) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।