संजय सोनी की रिपोर्ट
हाथरस । बच्चों से लेकर बड़ो तक भरपूर नींद हर किसी के लिए जरूरी है। अच्छी नींद से दिमाग दिमाग और शरीर दोनों को आराम मिलता है। दिन की थकान के बाद व्यक्ति नए दिन की शुरुआत एनर्जी के साथ करना चाहते हैं। जिसके लिए नींद बेहद आवश्यक है। यदि नींद ठीक ढंग से न आए तो इसके चलते सेहत से जुड़ी समस्याएं सामने आ सकती हैं।
जिला महिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. संजय कुमार बताते हैं कि नवजात शिशु के लिए भी नींद पूरी होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि नवजात बच्चे करीब 12 से 18 घंटे सोते हैं जबकि उनकी एवरेज नींद कम से कम 14 घंटे की होती है। अगर बच्चा कम या ज्यादा सोता है तो इसके पीछे पैरेंटल एक्सपेक्टेशन एक वजह हो सकती है यानी कि माता-पिता तय कर लेते हैं कि बच्चे के लिए कितनी नींद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो मां अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करातीं हैं उन बच्चों में भी नींद को लेकर समस्याएं हो सकती है। डॉ. कुमार सलाह देते हैं कि मां बच्चे के सोने और उठने का एक रूटीन तय करें जो हर दिन एक ही होना चाहिए। डॉ. संजय ने कहा कि बच्चों को मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रखना चाहिए। यह बच्चे के दिमाग पर असर डाल सकते हैं और उनकी नींद खराब हो सकती है।
डॉ. कुमार ने बताया कि न्यू बोर्न (0 से 2 माह) तक के बच्चे 12-18 घंटे की नींद लेते हैं। 2 माह से 12 महीने के बच्चे 12-13 घंटे की नींद लेते हैं। 1 साल से 2 साल के बच्चे को 11-13 घंटे की नींद की जरूरत होती है। 3-5 साल की उम्र में बच्चे को 9-12 घंटे की नींद जरूरी है. वहीं, 6 से 12 वर्ष के बच्चे को 9-11 घंटे सोना चाहिए। जबकि 13-18 साल के बच्चों को 8-10 घंटे की नींद की जरूरत होती है।
उन्होंने बताया कि अच्छी नींद लेने वाले बच्चों का का इम्यून सिस्टम अधिक मजबूत होता है। इम्यून सिस्टम मजबूत होने से बच्चे को रोगों, इंफेक्शन, खांसी और जुकाम से लड़ने में मदद मिलती है। सोते समय जहां बच्चा सोता है वहां का शांत माहौल होना चाहिए। जिस कमरे में सो रहे हैं, उसमें हल्की या मध्यम रोशनी रहनी चाहिए।