आशीष कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट
नोएडा । सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस (एक अक्टूबर) पर शनिवार को स्वास्थ्य शिविर, संगोष्ठी, जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर बुजुर्गों को उनकी सेहत का ख्याल रखने के लिए जागरूक किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ एनडीसी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. आर.पी. सिंह ने किया।
इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में सामुदायिक जागरूकता के लिए इस दिन की उपयोगिता, उद्देश्य के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। लोगों को बताया गया- बचपन से माता-पिता हमारा ध्यान रखते हैं अब हमारी जिम्मेदारी है, हम उनका भी ध्यान रखें। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा उम्र बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक बदलाव होने शुरू हो जाते हैं।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बुजुर्गों को अपने खान-पान, रहन सहन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शरीर के संकेत समझ कर अपनी सेहत बरकरार रखने के जरूरी उपाय करने चाहिए।
पर्याप्त कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, फाइबर विटामिन खनिज और पानी की उचित मात्रा वाला पौष्टिक आहार स्वस्थ बुढ़ापे के लिए जरूरी है। मधुमेह, दिल के रोग और किडनी के रोग वाले बुजुर्गों को अपना खानपान अपने चिकित्सक की सलाह के हिसाब से रखना चाहिए।
वक्ताओं ने कहा- जिन परिवारों में बुजुर्ग मौजूद हैं। उनका ध्यान रखना हमारा दायित्व है। परिवार के सदस्यों को चाहिए कि वह अपने बुजुर्गों का हर समय ध्यान रखें। उनके साथ समय बितायें, उन्हें अकेलापन का कतई अहसास न होने दें। इस उम्र में छोटी सी बात बड़ा मानसिक तनाव पैदा कर सकती है। इसलिए उनके सम्मान का भी ध्यान रखना जरूरी है।
जिला वित्त एवं रसद सलाहकार आशुदीप ने बताया- प्रति वर्ष एक अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाया जाता है। बुजुर्गों की सेहत अच्छी रहे, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। इसी क्रम में एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक जागरूकता पखवाड़ा मनाया जाएगा, जिसमें बुजुर्गों की देखरेख के प्रति लोगों को तो जागरूक किया ही जाएगा, विशेष रूप से बुजुर्गों को उनकी सेहत के लिए भी जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया “वृद्ध महिलाओं का लचीलापन और योगदान” इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस की थीम है। गौरतलब है कि विश्व में बुजुर्गों के प्रति हो रहे दुर्व्यवहार और अन्याय को खत्म करने, उनके प्रति सम्मान पैदा करने तथा लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष एक अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस एक अक्टूबर 1991 को मनाया गया था।
स्वास्थ्य शिविर में बुजुर्गों की शारीरिक, मानसिक जांच की गयी । वरिष्ठ चिकित्सक डा. प्रदीप सैलत, डा. स्वाति के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रही। एनसीडी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. आरपी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. पवन कुमार, डा. प्रदीप सैलत, डा. तनूजा गुप्ता, आशु दीप मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ की टीम और जिला अस्पताल का स्टाफ मौजूद रहा। इसके अलावा जनपद के स्वास्थ्य केन्द्रों पर अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।