सत्यापन के उपरान्त जिला प्रशासन प्रत्येक ट्रासजेण्डर को देगा पहचान एवं प्रमाण पत्र
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को उभयलिंगी व्यक्तियों की जनपदवार गणना एवं उनकी समस्याओं के निस्तारण के संबंध में बैठक हुई। बैठक में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के पहचान पत्र निर्गत करने, ट्रांसजेंडर समुदाय को शैक्षिक संस्थानों में रैगिंग के विरुद्ध संरक्षण एवं जनपद के थानों में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल स्थापित किए जाने के संबंध में भी चर्चा हुई। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार किन्नर समाज के स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, आर्थिक सहयोग एवं खाद्य सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। प्रदेश सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। योजनाओं का लाभ ट्रांसजेंडर समुदाय को देने के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में निवासरत ट्रांसजेंडर समुदाय का जनपद वार सर्वेक्षण किया जाना है। सत्यापन के बाद प्रत्येक ट्रांसजेंडर का पहचान पत्र, प्रमाण पत्र जिलास्तर से निर्गत किया जाएगा।
डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने समाज कल्याण अधिकारी सूरज कुमारी को निर्देशित किया कि जनपद में रहने वाले सभी किन्नर समुदाय का सर्वेक्षण 15 दिन में प्रत्येक दशा में किया जाए, जिससे अग्रेतर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य में आवश्यकतानुरूप अन्य विभागों से भी सहायता ली जा सकती है। जिला समाज कल्याण अधिकारी बताया कि ’’समाजोत्थान सेवा संस्थान’’ एनजीओ ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़ा हुआ है और उनके लिए कार्य करता है। जिलाधिकारी ने एनजीओ से समन्वय कर सर्वेक्षण कार्य को पूरी सटीकता एवं समयबद्धता से करने के निर्देश देते हुए कहा कि पोर्टल विकसित कर उनके ऑनलाइन आवेदन लेने के साथ ही समाचारपत्रों के माध्यम से विज्ञप्ति जारी कर उनके ऑफलाइन आवेदन भी लिये जाएं।
डीएम ने सर्वे कार्य सम्बन्धी निर्देश देते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच अपने स्तर से करें कि आवेदन करने वाला उसी स्थान पर रहता है एवं किन्नर है या नहीं उसके बाद अग्रेतर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि आवेदन पत्र में जाति का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि आगे चलकर समुदाय के लोगों को शासकीय सेवाओं के लिए आरक्षण प्राप्त हो सके। ध्यान रखें पात्रों को ही सम्मिलित और लाभान्वित किया जाय।
समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि किन्नर समाज में दो वर्ग के लोग होते हैं।
एक प्राकृतिक रूप से जो जन्म से ही किन्नर होते हैं उनके लिंग सत्यापन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। जबकि दूसरे वर्ग के ऐसे लोग आते हैं, जिन्होंने चिकित्सकीय तरीके से लिंग परिवर्तन कराया है,उनको सत्यापन के समय मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित किन्नर समाज के प्रतिनिधियों से कहा इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में विकास भवन स्थित कार्यालय में आकर संपर्क कर सकते हैं।