उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अपने निस्वार्थ काम को आगे बढ़ाते हुए डॉ विराम ने एक चूहे को नई जिंदगी दी। असल में हुआ यह कि शहर के अमित जी के घर के बगल में खाली प्लॉट में एक सफेद रंग का चूहा कहीं से आ गया था अमित जी ने उसे देखा तो उन्होंने सोचा की कहीं कोई कुत्ते या अन्य जानवर उसे कोई नुकसान ना पहुँचा दे तो वह उसे अपने घर ले आए और उसकी देखभाल अपने घर में रख कर करने लगे। कुछ दिन बाद उन्होंने उसकी आंख के पास पहले एक मस्सा उभरता हुआ देखा तो उन्होंने उस समय ज्यादा गौर नहीं फरमाया उसके कुछ दिन बाद वह मस्सा एक रसौली का रूप ले चुका था जिससे उसकी आंख पूरी तरह ठक गई थी जिससे चूहे को चलने में और खाने पीने में काफी परेशानी हो रही थी। जब उन्होंने इस समस्या को ज्यादा बढ़ते हुए देखा तो शहर में कई जगह दिखाया पर कोई आराम नहीं मिला फिर किसी ने शहर के वरिष्ठ पशु शल्य चिकित्सक डॉ विराम वार्ष्णेय के बारे में बताया तो वह उन्हें उनके पास उनकी क्लिनिक लेकर गए डॉ विराम ने बताया कि इसे जल्द से जल्द सर्जरी कर के निकलने की आवश्यकता है तभी इसके प्राण बच सकते हैं अन्यथा इसकी आंखों को भी नुकसान हो सकता है। डॉ विराम द्वारा दो दिन बाद सर्जरी का समय दिया गया और अमित जी उसे सर्जरी के लिए डॉ विराम के पास ले गए क्योंकि चूहा बहुत छोटा सा जानवर होता है और उसमें लगभग 100 ग्राम ही वजन था जानवर काफी छोटा था तो उसे बेहोशी करने की दवा (एनेस्थीसिया) देने में भी काफी खतरा रहता है यह सब एक अनुभवी चिकित्सक ही कर सकता है। यह सब बात डॉ विराम ने उन्हें पहले से ही बता दी और सर्जरी करने के लिए अमित जी ने अपनी सहमति दी तत्पश्चात चूहे को नीचे पेट वाली जगह से इंट्रासपेरीटोनियल (Intraperitoneal)इंजेक्शन लगाया गया। जिसके कुछ ही समय बाद चूहा बेहोश हो गया क्योंकि यह काम काफी बारीकी का था तो डॉ विराम ने बड़ी ही बारीकी से उस रसोली को आंख से इस तरह अलग किया की उन्होंने उसकी आंख भी बचा ली और जान भी। जो रसौली काटकर निकाली गई उसमें लगभग 20 से 25 ग्राम वजन था तो कोई भी अंदाजा लगा सकते हैं कि जिस जानवर का वजन 100 ग्राम हो और आंख में 25 ग्राम का वजन लटक रहा हो तो उस जानवर को कितना कष्ट होता होगा । सर्जरी होने के बाद चूहा 3 घंटे बाद होश में आने लगा और अगले दिन पूर्ण तरह से स्वस्थ था और सही से खाने पीने लगा। कुछ दिनों तक इस चूहे की दवाई चली और पंद्रह दिन बाद वह पूर्ण तरह से स्वस्थ हो गया उस चूहे की रसोली वाली जगह पर बाल भी आने लगे थे। अमित जी ने कहा डॉ विराम इस चूहे के लिए किसी महीसा से कम नहीं साबित हुए।।इस सर्जरी की पूरी प्रक्रिया डॉ विराम के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है।
अलीगढ़ से नगर संवाददाता
शेखर सिंह जादौन