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वन विभाग की घोर लापरवाही के तहत अलीगढ़ में निरंतर बंदरों की हत्या

 

अलीगढ़ आज सुबह 10:00 बजे अचल तालाब के पास एक बंदरिया जो की गर्भवती थी उसका नवजात शिशु प्रसव क्रिया के अंतर्गत आधा अंदर फंसा होने पर बंदरिया बहुत परेशान थी जिसे देखकर आसपास के क्षेत्र के लोग सहयोग के लिए पहुंचे सूचना मिलने पर अचल ताल निवासी अमित भारद्वाज भी अचल तालाब पहुंचे। अचल तालाब पर पहुंचते ही अमित भारद्वाज ने सर्वप्रथम वन विभाग को सूचना दी। जिस पर वन विभाग के एक अधिकारी ने यह कहकर टाल दिया कि कोरोना के कारण स्टाफ छुट्टी पर है। और सरकार द्वारा कर्मचारियों को पिछले 1 साल से वेतन न मिलने पर वह काम पर नहीं आ रहे हैं। तत्पश्चात एक और अधिकारी से बातचीत करने पर पता चला कि यह काम वन विभाग का नहीं है अपितु नगर निगम का है। अचल ताल निवासियों को जब वन विभाग द्वारा कोई भी सहायता नहीं मिली तो वह उस बंदरिया की प्रसव क्रिया में स्वयं ही जुड़ गए और क्षेत्र के लोगों ने नवजात शिशु को जैसे-तैसे निकाला। लेकिन कुछ ही समय बाद नवजात वानर राज की मृत्यु हो गई। क्षेत्रवासियों के कठोर परिश्रम के बाद भी वानर राज को नहीं बचाया जा सका। समाचार पत्रों को जानकारी देते हुए अचल ताल निवासी अमित भारद्वाज ने कहा कि यह आज कोई पहली घटना नहीं है पूर्व में भी इस प्रकार की घटनाएं अलीगढ़ में निरंतर होती रही हैं अभी 15 से 20 दिन पहले ही सुरेंद्र नगर में लगातार बंदरों की हत्या हो रही थी। उस पर भी वन विभाग ने कोई संज्ञान नहीं लिया। आज जब बन विभाग के एक अधिकारी से पूछा तो उन्होंने साफ साफ मना कर दिया कि हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकते पूरा स्टाफ छुट्टी पर है। आखिर सरकार इन्हें किस बात का वेतन दे रही है यह एक बड़ा प्रश्न है। मैं समस्त अचल ताल क्षेत्र वासियों की ओर से अलीगढ़ जिलाधिकारी से प्रार्थना करता हूं कि वह इस विषय का निस्तारण कराएं और भविष्य में किसी भी बंदर या वन्य जीव की हत्या ना हो इसके पुख्ता इंतजाम करें।

 

 

 

 

अलीगढ़ से संवाददाता
अक्षय कुमार गुप्ता
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