उत्तर प्रदेश के जनपद रायबरेली का मामला है रात में करीब 7 बजे रोहनिया गांव में एक तेरही का कार्यक्रम हो रहा था जिसमे सैकड़ो लोग एक साथ बैठ कर खाना खा रहे थे ग्रामीणों द्वारा सूचना मिलने पर पत्रकार विजय सिंह ने रोहनिया ग्राम प्रधान विश्राम को फोन नम्बर 9918093930 पर फोन के माध्यम से अवगत कराया कि गांव में भीड़ बहुत ज्यादा इकट्ठा है आ जाईये भीड़ को हटवाए गांव के प्रधान होने के नाते कर्तब्य बनता है इस कोरोना जैसे महामारी में पूरा भारत बंद होने का हमारे प्रधान मंत्री ने ऐलान किया है और धारा 144 भी लागू है इसका उलंघन हो रहा है लेकिन विश्राम प्रधान ने कहा हम क्यों किसी को भगाए तुम्ही भगाओ जाकर के हमारा ग्राम सभा है हम नही भगाएंगे फिर मैं स्वयं मौके पर पहुंचा देखा कि भीड़ बहुत लगी है फिर मैंने इसके बाद सलोन कोतवाली में भी अवगत कराया फिर वहाँ पर कुछ देर बाद प्रधान आये किसी को भी कुछ न कहते हुए हमारे ऊपर भड़क गए कहते है नेता गिरी ज्यादा न करो गांव का निमंत्रण है हम किसी को नही भगाएंगे और हमसे अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए हमसे कहा कि तुम यहाँ से चले जाओ नही तो ग्रामीणों से कह कर इतना मरवा दूंगा की पत्रकारिता यही पर खत्म हो जाएगी फिर विजय सिंह वहाँ से चला आया उसके बाद रात में पुलिस पहुंची तो सब को भगाया भीड़ को हटा कर चली गयी । फिर रात में 9:05 मिनट पर प्रधान का फोन आया और गंदी भाषा प्रयोग करते हुए कहा तुम्हारे वजह से पुलिस आयी उसका खाना बेकार हुआ तुम बड़े भारी पत्रकार न बनो तुमको देख लेंगे फिर वही फ़ोन पर धमकी देते हुए गंदी गालियों का प्रयोग किया गया जिसकी फोन में रिकॉर्डिंग भी हो गयी है पत्रकार होने के साथ साथ देश का एक सम्मानित नागरिक भी है कवरेज के दौरान प्रधान द्वारा कार्य मे बाधा उत्पन्न हुआ जिसके कारण समाज मे विजय सिंह की छवि धूमिल हुई और मान सम्मान को ठेस पहुंचा है जिससे इस महामारी से बचने और बचाने के लिए पूरा प्रयास किया लेकिन ये विश्राम ग्राम प्रधान अपनी दबंगई के कारण उसको वहा से भगाया और प्रधान ने अपने कर्तब्य को पूरी लापरवाही से निभाया और सैकड़ो लोंगो खड़े होकर के एक साथ खाना खाने दिया गया । और विश्राम पटेल ने यह भी कहा कि कोरोना बीमारी का तुम ठेका लेकर के रखे हो ।