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घुंगरू की खनक और सांस्कृतिक नृत्य है अलीगढ़ महोत्सव की पहचान

 

 

कथक, ओडिसी व भारतीय नृत्य पर मंत्रमुग्ध हुये दर्शक

अलीगढ़। कृष्णांजलि नाट्यशाला में आयोजित सांस्कृतिक संध्या कुछ खास थी,बिल्कुल अलग माहौल और सभी दर्शकों का शुद्ध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों पर टकटकी लगा कर देर रात तक वहां जुटे रहना कार्यक्रम की सफलता को दर्शा रहा था।मौका था पर शहर की संस्था दुर्गा सांस्कृतिक कला केन्द्र द्वारा शनिवार की रात्रि में आयोजित सांस्कृतिक संध्या का। कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ डा. स्वास्ति राव कुलहरि, हेमलता पाराशर, कांग्रेस वरिष्ठ नेत्री प्रतिमा सिंह व गृह लक्ष्मी फाउंडेशन की चेयर पर्सन काजल धीरज द्वारा की गयी। सरस्वती वंदना के साथ प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में एक के बाद एक बेहद ही खूबसूरत प्रस्तुतियां हुईं। दिल्ली व लखनऊ से आये अतिथि कलाकारों की प्रस्तुतियों ने सबका मन मोहा। महामाया ग्रुप के कलाकरों ने मनमोहक उड़ीसी नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां शिरोमणि के निर्देशन में दी। वैष्णवी, पूजा, गौतम का कथक व

सत्यम सिंह की प्रस्तुति को विशेष सराहा गया। वहीं,लंबे अरसे बाद सिने बाल कलाकार हिमाद्री धीरज द्वारा दी गई विशेष कथक नृत्य की प्रस्तुति को खूब तालियां मिली। रजत और निश्चल द्वारा सजदा नृत्य की बेहद खूबसूरत प्रस्तुति दी गयी। युक्ति वार्ष्णेय, साक्षी वार्ष्णेय, प्राची गोस्वामी, दिविशा,अनवी, मोकक्षिता,परी आदि ने भी दमदार प्रस्तुतियों से सबका मन मोहा। कार्यक्रम में संस्था द्वारा उन संस्था के रत्नों को सम्मानित किया गया जिन्होंने संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त कर देश-विदेश में नाम रोशन किया है। जिनमें डा. अंशु सक्सैना, आस्था शर्मा, हिमाद्री धीरज,साक्षी लहरी, सुमित गुप्ता, मौ. जाबेर मुख्य रूप से रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पंकज धीरज, शरद गुप्ता,अजय आर्यन, कृष्णा राना, सारिका, किरन सक्सैना, अल्पना बंसल, डा. प्रदीप बंसल, प्रदुम्मन सक्सैना, वीरेन्द्र सक्सैना, हर्षिता वार्ष्णेय, शिराजुद्दीन शेख, देवकी सिंह और अतिथियों का स्वागत पूनम सारस्वत व गौपाल हरि ओझा ने किया। आदि मौजूद रहे।

 

 

 

अलीगढ़ से संवाददाता
अक्षय कुमार गुप्ता
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