प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ विधायक ने, राष्ट्रपति, राज्यपाल मुख्यमंत्री.के नाम सौपा ज्ञापन तहसीलदार को दिया
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मध्यप्रदेश.सरकार ने विगत 27 नंवबर को भू राजस्व .सहिता 1959 मे संशोधन कर आदिवासी क्षेत्रो मे गैर आदिवासी को जमीन के डायवर्सन का अधिकार देने के प्रस्ताव को निरस्त एंव अनुसूचित क्षेत्र की जमीन गैर आदिवासी को बेचने पर पुर्णतः प्रतिबंध करने हेतू बुधवार शाम 3.30, बजे पंधाना विधायक राम दागोरे के नेत्रत्व मे गांधीचौक से रैली के माध्यम से सैकडों भाजपा कार्यकर्ताओं.के साथ कमलनाथ.सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए विधायक ने प्रदेश.सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश जताते कहा की म.प्र की काग्रेंस सरकार आदिवासियों के अधिकारो पर अंकुश लगाकर बड़े इण्डिस्टीया खारखाने खोलकर आदिवासियोंकी जमीन को खत्म करना चाहती है हम आदिवासियों का हक नही छिनने देगे, आदिवासियों.के पास उनके गुजर बसर हेतु जमीन ही एक मात्र सहारा है,आगे विधायक ने.बताया की सन 1947 को आजादी के.समय आदिवासियों.के पास 65 प्रतिशत जमीन थी सन1950 मे आदिवासियों की 35 प्रतिशत जमीन को वन भुमि घोषित कर दी थी, बाद 30 प्रतिशत जमीन शेष बची थी, केबिनेट का प्रस्ताव भारतीय संविधान के भाग 10 अनुसुचित एंव जनजाति क्षेत्रो का प्रशासन अनुच्छेद 244 (1) के तहत 5 वी अनुसूची एंव पेसा कानून तथा माननीय सुप्रम कोर्ट के.समता वी/ एस आन्द्र प्रदेश .सरकार निर्णय दिनांक 11/07/1997/ प्रतापसिंह वी/ एस प्रजापति दिनांक 21/11/3003/ एंव पी रामी रेड्डी एंव अन्य वी एस स्टेट आँफ आन्द्र प्रदेश मे पारित आदेश दिनांक 14/07/1988/ अनुसार अनुसूचितक्षेत्रौ की वह जमीन जो कभी आदिवासियों की थी गैर आदिवासीयों तक चली गई है आदिवासी भुस्वामी किसी आदिवासी को बेचने का स्पष्ट उल्लंघन है, अगर सरकार ने गलत लिए गये फैसले को वापस नही लिया तो गांव से लेकर आदिवासियों के हक मे जंगी प्रदर्शन के साथ न्यायालय जाने मे भी नही चुकेंगे ,आदिवासियों का अधिकार लेकर रहेगे, नायब तहसीलदार को राज्यपाल,राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री के नाम सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ विधायक.रामदागोरे ने.ज्ञापन सौपा इस अवसर पर विधायक राम दागोरे , भाजपा मडंल अध्यक्ष प्रदीप जगधन्ने, राजेश राठौर, श्याम गंगराड़े, न.प.अध्यक्ष परमानंद कुशवाह, सतेन्द्र सिंह चौहान, सैकड़ौ भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे