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लेखपाल ने २००० घूस लेकर बनाया फर्जी सर्टिफिकेट ( संवाददाता शशि गुप्ता)

 

( मुख्यमंत्री पोर्टल पर की लेखपाल की शिकायत )

अलीगढ़ में 100% निशक्त दिव्यांग मजदूरी करके 124000 वार्षिक कमाता है आखिर कैसे ? अलीगढ़ प्रशासन की घोर लापरवाही लेखपाल को ₹2000 ना देना परिवार को पड़ा भारी क्या कोई कल्पना भी कर सकता है 100% विकलांग मजदूरी करके कमा सकता है मामला इस प्रकार है न्यू अशोक नगर निवासी संजय वार्ष्णेय पुत्र प्यारे लाल साड़ी वाले का पुत्र सानू वार्ष्णेय 100% विकलांग है क्योंकि वह 18 वर्ष पूर्ण कर चुका है इसलिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विकलांग पेंशन योजना हेतु उसका आवेदन करने के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाया था आय प्रमाण पत्र बनाने वाले संबंधित लेखपाल घर पर आए और जांच करके बोले के ₹2000 दे दो आपके बेटे का आय प्रमाण पत्र बन कर आ जाएगा संजय बासनी ने कहा कि आप हमें ₹2000 की रसीद देंगे क्या और यह किस लिए है मैं अपने भतीजे से बात करके दे पाऊंगा लेखपाल इतना सुनकर घर से चला गया और जब हमारा आय प्रमाण पत्र बन के आया तो वह ₹124000 का था मेरा बेटा जो 100% विकलांग है वह मजदूरी करके कैसे कमा सकता है भाजपा सरकार बनने के पश्चात हमने सोचा था अच्छे दिन आ गए हैं लेकिन क्या यही अच्छे दिन हैं जायज़ काम के लिए भी रिश्वत देनी पड़ेगी क्या विकलांग बच्चे के लिए विकलांग पेंशन की मांग करना भी गुनाह है जिला प्रशासन को इसको गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि बहुत सारे लोग इन कामों के लिए पैसे दे देते हैं और जिस भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री जी प्रयासरत हैं वह दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। जब इस घटना की जानकारी विश्व हिंदू परिषद से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता मयंक कुमार को हुई तो उन्होंने तुरंत इस विषय की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाइन कर दी है अब देखना यह है की इस शिकायत पर सरकार और शासन और प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई करता है क्या यह जो प्रमाण पत्र बना है इसको निर्गत कैसे कर दिया गया इसकी विभागीय ढंग से जांच होनी चाहिए और वास्तव में कोई दोषी पाया जाता है उस पर उचित कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

 

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