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ज्ञान महाविद्यालय की परिचर्चा में बजट को व्यावहारिक रूप से अमल में लाने पर जोर

अलीगढ़  आगरा रोड स्थित ज्ञान महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय व अर्थशास्त्र विभाग की ओर से “बजट 2019: नए भारत की ओर भरोसे की कसौटी’ विषय पर परिचर्चा कार्यवाहक प्राचार्य डॉ हीरेश गोयल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। परिचर्चा का संयोजन करते हुए विभागाध्यक्ष वाणिज्य डॉ समर रजा ने बजट की उपयोगिता व संभावनाओं पर प्रकाश डाला। परिचर्चा का संचालन करते हुए जनसंपर्क अधिकारी डॉ ललित उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए नई शिक्षा नीति को बनाने का प्रावधान,बजट में गरीबों के कल्याण,अन्नदाता किसानों को उद्यमियों के रूप में बढ़ावा देने व प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाने के लिए लोन पर डेढ़ कख रुपए तक ब्याज पर आयकर में छूट मिलने को सराहनीय कदम बताया। वाणिज्य संकाय के डॉ दुर्गेश शर्मा ने कहा कि इनकम टैक्स भरने के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता खत्म करने का फैसला उचित बताया।प्राध्यापक नीरज कुमार ने हर हाथ को काम देने के उद्देश्य से स्टार्ट अप को रोजगार से जोड़ने की पहल को उचित कहा।परिचर्चा में बी पी सिंह, संतोष कुमार व अर्थशास्त्र के प्राध्यापक डॉ रत्नप्रकाश ने बजट बही खाता तो माना जा रहा है पर यह आंकड़ो में उलझ कर नही रह जाए इसलिए इसे व्यवहारिक रूप से अमल में लाने की आवश्यकता है।कार्यक्रम में डॉ विवेक मिश्रा, डॉ नरेंद्र सिंह,मोहम्मद वाहिद डॉ एच एस चौधरी सहित प्राध्यापकों ने भी विचार रखे।परिचर्चा में डॉ वी के वर्मा,डॉ सोमवीर सिंह,डॉ संध्या सेंगर,डॉ बीना अग्रवाल,डॉ सुहैल अनवर,इंदु सिंह,डॉ ज्योति सिंह,सुचेता सिंह,प्रवीण कुमार,नीलम सिंह,डॉ डी एन गुप्ता,नीलम वार्ष्णेय,डॉ प्रशांत शर्मा आदि प्राध्यापक प्राध्यापिकाए मौजूद रहे।

 

 

जिला संवाददाता
शब्बन सलमानी
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