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सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: “संविधान के विपरीत दलीलें स्वीकार्य नहीं”

सलाहुद्दीन अयूबी की रिपोर्ट

 

दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि वह भारत सरकार की ओर से पेश की गई ऐसी कानूनी दलीलों को स्वीकार नहीं करेगा, जो कानून के विपरीत हों। यह टिप्पणी तब की गई जब अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस दलील पर नाराजगी जताई, जिसमें कहा गया था कि धनशोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 के प्रावधान महिलाओं पर लागू नहीं होंगे।

इस मामले में यूपी की रहने वाली शशि बाला सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया है, जिसे ED ने लखनऊ के शाइन सिटी स्कैम मामले में गिरफ्तार किया था।

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने कहा, “हम भारत सरकार की ओर से ऐसी किसी भी दलील को बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो कानून के प्रावधानों के विपरीत हो।”

यह टिप्पणी अदालत के इस दृढ़ रुख को दर्शाती है कि संवैधानिक प्रावधानों और कानून का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।

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