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जनाक्रोश धरना प्रदर्शन में भरी हुंकार, सावधान बांग्लादेश सरकार

अजय प्रताप चौहान की रिपोर्ट

 

अलीगढ़ : बांग्लादेश अल्पसंख्यक सुरक्षा मंच की ओर से आयोजित जनाक्रोश धरना प्रदर्शन में मंगलवार को हिंदुओं ने जबरदस्त हुंकार भरी। गांधी पार्क बस अड्डे के निकट आयोजित जनाक्रोश में हिंदुओं का गुस्सा देखते ही बन रहा था। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों के सीने में बांग्लादेश सरकार के खिलाफ आग धधक रही थी। जोरदार नारेबाजी करते हुए सभी ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई। हाथों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की हकीकत बयां करते हुए तमाम कटआउट, बैनर और पोस्टर लिए हुए थे, जो हिंदुओं पर बर्बरता की असलियत प्रदर्शित कर रहे थे। तमाम लोग पोस्टरों को देखकर रो पड़े। शहर से लेकर देहात तक आए लोगों ने ललकार भरके बांग्लादेश के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की मांग की। अलीगढ़ में हिंदुओं का यह सबसे बड़ा आंदोलन बताया जा रहा है।

जनाक्रोश धरना प्रदर्शन से पहले इस्कान के कार्यकर्ताओं ने हरिनाम संकीर्तन किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुलश्रेष्ठ ने यूएनओ पर सवाल खड़े किए। कहा, मानवाधिकार का हनन हो इसके लिए यूएनओ बना है। उन्हें गाजा, फलस्तीन तो दिखाई देता है, मगर इजराइल में मारे लोग उन्हें ये दिखाई नहीं देता। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का नरसंहार भी उन्हें नहीं दिखाई देता। इससे उनकी नीयत पर सवाल उठता है। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि 1971 में बांग्लादेश को भारत ने ही मुक्त कराया गया था।

 

तब ये सोचा था कि वह मित्र देश की तरह काम करेगा। मगर, वो दुश्मन बन बैठा। शेख हसीना जब तक थी वहां हिंदू सुरक्षित था। वह हिंदुओं के साथ मिलकर कार्य करती थीं।
वो सोचती थीं कि बांग्लादेश आगे बड़े। मगर, दुनिया में विश्व बाजार की शक्तियां काम करती हैं। इसी षड्यंत्र के चलते बांग्लादेश में हिंदुओं पर भयंकर अत्याचार हो रहा है। हिंदू मंदिर तोड़ जा रहे हैं। इस्कान के चिन्मय दास को गिरफ्तार कर लिया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक खतरे में है। उन्होंने अमेरिका को भी घेरा। कहा, बांग्लादेश की तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने अमेरिका को सैनिक अड्डा बनाने के लिए मना कर दिया था। इसलिए अमेरिका नाराज हो गया। ऐसे हालात में अब अल्पसंख्यक का जीवन खतरे में हैं। भारत सरकार को इसमें कठोर कदम उठाना चाहिए। चिन्मय कृष्ण दास को भी मुक्त कराना चाहिए। उन्होंने हिंदुओं की एकजुटता पर बल दिया। ईसाई समाज से फादर जोस अकरा ने कहा की विविधता हमारी ताकत है हम सबको अत्याचार के खिलाफ मौन तोड़ना चाहिए। बांग्लादेश की हरकतें मानवता पर काला धब्बा है उसे सभ्य समाज कभी भी स्वीकार नहीं कर सकता है।

महामंडलेश्वर डाक्टर अन्नपूर्णा भारती शेरनी की तरह दहाड़ मारी। उन्होंने कहा कि जाति पात भूलकर सभी को एकजुट होना होगा, तभी जी हम पर अत्याचार कर रहे हैं उनका संहार कर सकेंगे। अब हम सभी को सड़कों पर उतरकर बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन करना होगा। वहां महिलाओं को निर्वस्त्र करके उन पर अत्याहार किया जा रहा है। मंच पर बोलते हुए अन्नपूर्णा भारती रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हमारी बहन बेटियों का चीरहरण हो रहा है। हे केशव, माधव अब रक्षा करो। उन्होंने सभी से मौन धारण भी कराया। बांग्लादेश अल्पसंख्यक सुरक्षा मंच की सदस्य व पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समाज के भाई सर झुकाकर न जिएं, पूरा भारत उनके साथ है। हिंदू अपने भाइयों का कत्लेआम नहीं देख सकता है। यदि हम अपने पर आ गए तो बांग्लादेशी अत्याचारियों को कफ़न भी नसीब नहीं होगा।

सरदार हरदयाल सिंह ने कहा कि निर्बल पर सभी शासन करते हैं। पर सिखों ने हमेशा देश धर्म की रक्षा का काम किया है। उन्होंने कभी किसी को प्रताड़ित नहीं किया। बांग्लादेश अल्पसंख्यकों की रक्षा करे, वरना नक्शे से बांग्लादेश हमेशा के लिए मिट जाएगा। अध्यात्मिक गुरु सुनील कौशल महाराज ने कहा कि जहां जहां हिंदू कम हुआ, वो क्षेत्र भारत से कट गया। महाराष्ट्र की जनता ने एक होकर बहुत बड़ा संदेश दिया है। पांडवों ने भी युद्ध करके 18 दिन में अपना अधिकार पा लिया था। हमें भी कठोर कदम उठाना पड़ेगा। महामंडलेश्वर पूर्णानंदपूरी महाराज ने कहा कि अंहिसा परमोधर्म है, मगर जब हमारे पर कोई अत्याचार करे तो हिंसा भी जरूरी होती है, वरना वो हमारा वध कर देगा। हमें सड़कों पर यदि उतरना होगा तो हम इसके लिए भी तैयार हैं। इस्कान के रसराज प्रभु ने कहा कि हिंदुओं के अंदर अध्यात्मिक बल जगाना होगा। तभी आसुरिक शक्तियों से निपटा जा सकता है। ये आसुरिक शक्तियां पूरी मानवता के लिए खतरा है। करनी सेना के ज्ञानेद्र चौहान, राहुल चेतन, राहुल वार्ष्णेय स्केप, भारती सिसौदिया, मनोज कुमार मंच पर मौजूद थे।

मंच के सदस्य अशोक पांडेय ने प्रस्तावना पढ़ी और जनाक्रोश धरना प्रदर्शन का संचालन किया। उनकी जोरदार आवाज से पूरा माहौल जोशीला हो गया। राज नारायण सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मा.सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी का केंद्रीय पत्र पढ़ा। कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं के साथ आरएसएस के भी बंधुओं का सहयोग रहा। विभाग संघचालक राजकुमार, विभाग प्रचारक गोविंद, सह विभाग संघ चालक ललित कुमार,विभाग कार्यवाह योगेश आर्य महानगर संघचालक अजय सराफ, सह संघचालक देवेंद्र हनुमान, महानगर प्रचारक विक्रांत आदि थे। अतरौली और खैर से भी संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता और प्रचारक मौजूद रहे।। जिला अध्यक्ष कृष्ण पाल लाल महानगर अध्यक्ष इंजीनियर राजीव शर्मा, बरौली विधायक ठाकुर जयवीर सिंह एमएलसी ठाकुर मानवेंद्र प्रताप सिंह एमएलसी चौधरी ऋषिपाल सिंह शहर विधायक मुक्त राजा कल विधायक अनिल पाराशर इगलास पर विधायक राजकुमार सहयोगी छर्रा विधायक रविंद्र पाल सिंह, सुनील पांडेय, गोपाल सिंह, गौरव शर्मा, डाक्टर राजीव अग्रवाल आदि मौजूद थे।

 

एएमयू में बांग्लादेशी छात्रों को भेजा जाए उनके देश, वरना होगा प्रतिकार

 

दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशिद ने कहा कि जब से बांग्लादेश बना है तब से वहां पर 6 करोड़ हिंदुओं की हत्या हो चुकी है। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन से नहीं अब तो सीधे सर्जिकल स्ट्राइक से काम चलेगा, जिस तरह से पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई उसी तरह से बांग्लादेश पर भी सर्जिकल स्ट्राइक की जाए। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी बांग्लादेशी छात्र पढ़ रहे हैं, उन्हें सीधे यहां से बाहर उनके देश भेजा जाए वरना यहां पर भी प्रतिकार होगा तो उन्हें मुश्किलें होंगी। मोहम्मद आमिर रशिद ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने यूएनओ को भी पत्र लिखा है, जिसका संज्ञान लिया गया है हम बांग्लादेशी हिंदू भाइयों पर अत्याचार किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में भी सनातन की जड़े गहरी हैं, वहां पर ढाकेश्वरी देवी है जिनके मंदिर को भी क्षतिग्रस्त किया गया। तोड़फोड़ की गई, जबकि ढाकेश्वरी देवी के नाम से ही बांग्लादेश की राजधानी ढाका है। सनातन संस्कृति को खत्म करने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने नवरात्रों में जजिया कर लगा दिया उन्होंने बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस को भी सख्त लहजे में चेताया।

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