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इतिहास लिखने के लिए कलम नही ! साहिब, हौसलो की जरूरत होती है – धर्मेन्द्र राघव

राष्ट्रीय प्रेस दिवस दिलाता है मीडिया की स्वतंत्रता और उसके कर्तव्यों की याद

 

(अजय प्रताप चौहान की रिपोर्ट)

 

अलीगढ़ । राष्ट्रीय मीडिया महासंघ की अलीगढ़ टीम द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार कलम के पुरोधा स्व. श्री गणेश शंकर विद्यार्थी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया । राष्ट्रीय मीडिया महासंघ के जिलाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र राघव ने गोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि

इतिहास लिखने के लिए कलम नही! साहिब, हौसलो की जरूरत होती है!

उन्होंने बताया कि हर साल 16 नवंबर को नेशनल प्रेस डे मनाया जाता है। यह भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का प्रतीक है। साल 1966 में आज ही के दिन प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन हुआ था। बता दें कि मीडिया गुणवत्ता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का काम करता है। नेशनल प्रेस डे पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और समाज में मीडिया के योगदान को पहचानने का अवसर है। यह दिन अधिकारों, कर्तव्यों और उसके महत्व को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

राष्ट्रीय मीडिया महासंघ अनुशासन समिति के प्रदेश चेयरमैन मुशीर अहमद खां ने कहा कि भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता और उसकी जिम्मेदारी को सम्मानित करने के लिए यह दिन तय किया गया है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है।

नेशनल प्रेस डे के मौके पर मीडिया की भूमिका को लेकर जागरुकता फैलाने का काम किया जाता है और साथ ही इसके महत्व को भी समझाया जाता है। 16 नवंबर 1966 को नेशनल प्रेस डे की शुरूआत हुई थी और इसी दिन प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन हुआ था।

कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस मीडिया की स्वतंत्रता और उसके कर्तव्यों की याद दिलाता है, यह दिन पत्रकारिता के क्षेत्र में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और जिम्मेदारी की आवश्यकता को समझाता है। साथ ही, यह समाज में जागरूकता पैदा करता है कि प्रेस लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ के रूप में काम करता है।

पत्रकार अनवर खान एवं फरहत अली खां ने कहा कि देश व समाज की बेहतरी में हर किसी की अपनी भूमिका है। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा गया है, इसलिए समाजहित में उनकी भूमिका ओर भी महत्वपूर्ण हो जाती है। वरिष्ठ पत्रकार काजी नसीमुद्दीन ने कहा कि कहा कि आजादी के समय से लेकर अब तक देश में मीडिया का बहुत बड़ा रोल रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति आंतरिक रूप से स्वयं को मजबूत बनाता है, तो वह अपने जीवन में ओर अधिक बेहतर करने में सक्षम बनता है । डिजिटल युग में हमें स्वयं को तकनीकी तौर पर भी सशक्त बनाना होगा, ताकि उद्योग मांग अनुरूप परिणाम हासिल हो, जिससे इस दिशा में करियर को नई ऊंचाई मिल सके।

इस अवसर पर सत्यवीर सिंह यादव, फरहत अली, अनवर खान, मुशीर अहमद, विशाल नारायण, धर्मेंद्र राघव, मोहम्मद राशिद, गुलाब नबी, राजेंद्र कुमार, वीरेंद्र अरोड़ा, दुष्यंत यादव, आशीष वार्ष्णेय, काजी नसीम, वसीम खान, बबलू, मुशीर अहमद, नगमा राव, मनोज चौहान, शाहिद चौहान, आबिद, मुख्तार अहमद आदि दर्जनों पत्रकार बंधु मौजूद थे।

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