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बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर हुआ सेमिनार का आयोजन

राहुल नवरत्न की रिपोर्ट

 

लखनऊ । बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में स्टेंडिंग आर्गेनाइजिंग कमेटी की ओर से जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में वार्ता का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की ओर से दिनाँक 15-26 नवंबर तक जनजातीय समूहों के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । प्रो० के० एल० महावर के दिशानिर्देश में आयोजित इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो० प्रीति मिश्रा मौजूद रही। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रो० शशि कुमार, डॉ० लता बाजपेयी एवं सुश्री मंजरी राज उपस्थित रहीं। प्रो० शशि कुमार ने जनजातीय गौरव दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे जनजातीय समूहों को प्रेरित करने हेतु एक सकारात्मक प्रयास बताया‌। मंच संचालन का कार्य डॉ० राजेश इक्का द्वारा किया गया।

प्रो० प्रीति मिश्रा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय समाज आज पिछड़ा नहीं रहा है। जनजातीय समाज हमेशा से संस्कृति, प्रकृति एवं सभ्यता से जुड़ा हुआ है । समाज को जमीनी स्तर पर उसके वास्तविक रूप में बचाने का कार्य इसी समाज के लोगों द्वारा किया जाता है, जो वास्तव में प्रेरणादायी है।

डॉ० लता बाजपेयी ने चर्चा के दौरान कहा जनजातीय समूहों को आगे लाने के लिए सरकार ने बहुत सी योजनायें चालू की है। बस थोड़ी सी जागरूकता के साथ इस समाज का उत्थान एवं बेहतरीन भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।

सुश्री मंजरी राज ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जनजातीय समाज में आज भी बहुत सी समस्याएं व्याप्त है, जिसके समाधान हेतु हम सभी को गंभीरता के साथ प्रयास करने होंगे। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक एवं विश्वविद्यालय के अन्य‌ विद्यार्थी मौजूद रहे।

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