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आगरा में खुलने जा रहा है प्रदेश का पहला मदर मिल्क बैंक

राहुल नवरत्न बृजवासी की रिपोर्ट

आगरा । स्तनपान कराने वाली मां अपने बच्चे को दूध पिलाने के पश्चात बचे दूध को मदर मिल्क बैंक में प्रिजर्व करा सकेंगी । शिशु के जीवन में मां के दूध  के महत्व को देखते हुए प्रदेश के आगरा शहर में प्रदेश का पहला मदर मिल्क बैंक की स्थापना की जा रही है । आगरा शहर की जयपुर हाउस स्थित ट्रस्ट के निर्माण अधीन गर्भाधान संस्कार एवं मेटरनिटी होम पर सोमवार को मदर मिल्क बैंक और घोषणा समारोह का आयोजन बड़ी धूमधाम के साथ किया गया । देश में हुमन मिल्क बैंक की स्थापना में सहयोगी दीपक जी दावे (मुंबई ) ने समारोह के मुख्य वक्ता के तौर पर जानकारी दी के प्रदेश के आगरा शहर में यह पहला मदर मिल्क बैंक स्थापित किया जा रहा है । उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी प्रसूता माताएं स्तनपान कराती हैं ,वे अतिरिक्त दुग्ध को बैंक में अपनी इच्छा अनुसार दान कर सकेंगी। इससे मां के दूध से वंचित बच्चों को नया जीवनदान मिल सकेगा । बैंक की स्थापना श्री चंद्रभान साबुन वाले सेवा ट्रस्ट की ओर से की जा रही है।

बहुत दिनों से उठ रही थी मदर मिल्क बैंक की मांग

आपको बताते चलें कि मदर मिल्क बैंक की मांग पूर्वी उत्तर प्रदेश में काफी लंबी समय से उठती रही है। इंसाइकेलाइटिस उन्मूलन अभियान के मुख्य कैंपेनर और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आर एन सिंह ने बताया कि यह समय की मांग है । मदर मिल्क बैंक के जरिए सैकड़ो बल्कि  नहीं हजारों बच्चों की जिंदगी को बचाया जा सकता है । देश में तेजी से फैल रहे कुपोषण की समस्या से मजबूत तरीके से लड़ा जा सकता है।आपको बताते चलें कि डॉ आर एन सिंह पिछले लघु 40 वर्षों से नवजात शिशुओं को 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान करने का अभियान लगातार चलाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि मां के दूध पर हर नवजात शिशु का हक है। यह उसको आजीवन स्वस्थ रखने वाली संजीवनी  की तरह है।उनका कहना है कि यदि शिशु को 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध और उसके 2 साल बाद तक अनुपूरक आहार के साथ मां के दूध का सेवन किया है । तो वह ढेर सारी बीमारियों को चपेट में आने से बचा रहेगा। उन्होंने मीडिया को बताया कि कई शिशुओं की माताएं अलग-अलग परिस्थितियों के चलते उनके साथ पर्याप्त समय भी नहीं गुजार पाती हैं। ऐसे ही शिशुओं के लिए मदर मिल्क बैंक की जरूरत है।

मदर मिल्क बैंक में इस तरह किया जाएगा दूध को संरक्षित

स्तनपान करने वाली मां अपने शिशु को दूध पिलाने के पश्चात बच्चे दूध को मदर मिल्क बैंक में प्रिजर्व करा सकेंगी।दूध को एक स्टेनलेस स्टील के कंटेनर में भरकर फ्रिज में स्टोर करने के पश्चात बैंक तक लाने के लिए एक कूल बैग जिसमें ड्राई आइस होगा, उसमें रख कर लाया जा सकेगा । बैंक में दूध की स्क्रीनिंग की जाएगी पता लगाया जाएगा कि दानदाता माता किसी तरह की बीमारियों से ग्रसित तो नहीं है जैसे एड्स, कैंसर इत्यादि बीमारी। माता से लिए गए दूध को माईनस 20 डिग्री तापमान रखा जायेगा । इतने तापमान पर यह दर करीब 6 महीने तक खराब नहीं होगा। और मां के दूध से वंचित बच्चों को यह अमृत मिल सकेगा।

मानव जाति के लिए मां का दूध वरदान की तरह है। आगरा में इस तरह की बैंक की स्थापना होना शहर वासियों के लिए बड़ी उपलब्धि सावित होगी। (डॉ अरुण श्रीवास्तव मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगरा) यदि प्रसूता अपना दुग्ध अपने शिष्य को पिलाने के बाद बैंक में जमा कर देती है तो अन्य किसको भी जीवनदाई अमृत मिल जाएगा। (डॉ नरेंद्र मल्होत्रा स्त्री रोग विशेषज्ञ) इस अवसर पर मदर मिल्क बैंक के संरक्षक एवं वरिष्ठ समाजसेवी अशोक गोयल डॉक्टर अनुपम गुप्ता डॉक्टर संजय चतुर्वेदी डॉक्टर भारती अग्रवाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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