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शिक्षक महासम्मेलन एवं शैक्षिक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कार्यक्रम में उमड़ा शिक्षको का सैलाव

संजय सोनी की रिपोर्ट

अलीगढ़ । राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में शिक्षक महासम्मेलन एवं शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन प्रधानाचार्य ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल श्याम कुंतैल की अध्यक्षता में कृष्णाजंलि नाट्यशाला में किया गया। जिलाधिकारी ने मण्डलायुक्त को बुके देकर एवं बीएसए ने जिलाधिकारी को बुके देकर सम्मानित किया।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वधान में संगठन के अध्यक्ष डॉ राजेश चैहान में शिक्षकों की समस्याओं को उठाते हुए उनके निराकरण की मांग अधिकार अधिकारियों के समक्ष रखें जिस पर अधिकारियों ने बताया शिक्षकों को प्राचीन काल के शिक्षकों से सीख लेनी चाहिए और आज के समय में काफी आधुनिकरण है राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों को आगे बढ़ाने का कार्य करें करना चाहिए ।

कार्यक्रम का संचालन डॉ कैलाश रावत ने किया जिला महामंत्री सुशील शर्मा ने बताया बेसिक शिक्षा परिषद के भिन्न-भिन्न आए विभिन्न विद्यालयों से आए बच्चों ने कार्यक्रम में रंगारंग प्रस्तुति दी जिसके लिए शिक्षकों ने कई दिनों से तैयारी कराई थी
मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा ने शैक्षिक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरू का स्थान सबसे ऊॅचा है।

प्राचीन काल में गुरूकुल परम्परा रही जहां वर्षों तक छात्र गुरूकुल में शिक्षा ग्रहण कर गुरू दक्षिणा देकर वापस घर लौटते थे। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा गाॅव-गाॅव में स्कूल खोले गये हैं। कायाकल्प योजना के माध्यम से उन्नीस मानकों से विद्यालयों का आच्छादन किया जा रहा है, काफी संख्या में शिक्षकों की भी तैनाती की गयी है।

इसके ठीक विपरीत शिक्षा के स्तर में वह गुणवत्ता देखने को नहीं मिल रही है, जो होनी चाहिये। उन्होंने गुरू गोविन्द सिंह, स्वामी विवेकानन्द, गुरू द्रोणाचार्य, आचार्य रामकृष्ण परमहंस के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि समाज में युगों-युगों से गुरू का आदर किया जाता रहा है, हमें उस आदर और सम्मान को बरकरार रखने की आवश्यकता है।

उप कुलपति राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय चन्द्रशेखर ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक विद्यार्थियों के लिये रोल माॅडल की भांति होते हैं। शिक्षक जो भी करता है या बताता है बच्चे के मानस पटल पर पत्थर पर लकीर की भांति छप जाता है और फिर आगे चलकर वह उसे अपने जीवन में अपनाता और उतारता है, इसलिये बेसिक शिक्षक ही वास्तव में व्यक्ति का भविष्य निर्माता और राष्ट्र निर्माता होता है।

जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि बदलते परिवेश में शिक्षकों को अपने अन्तर्मन में झांकने और स्वयं का आकलन करने की महती आवश्यकता है। उन्होंने पुराने समय की बुनियादी बातों, उदाहरणों एवं संसाधनों की याद दिलाते हुए कहा कि पहले जहां एक शिक्षक कक्षा 01 से 05 तक के लगभग 400 बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उसके नाखून, उसके बाल, साफ-सफाई, नियमित स्कूल आने के साथ ही सामाजिक गतिविधियों के साथ बच्चा स्कूल क्यों नहीं आया है।

उस पर भी ध्यान रखता था। एक शिक्षक के हिस्से में 20 से ज्यादा बच्चे नहीं हैं। उन्होंने शिक्षकों द्वारा उठाई गयी विविध प्रकार की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए कहा कि आप उस पेड़ की भांति मत बनो जो अपने फलों की वजह से बोझ महसूस करता है।

अपने सम्बोधन में उन्होंने अपने शिक्षक मयादीन को याद कर तरह-तरह के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को कुरूक्षेत्र में उपदेश देते हुए कहा गया है कि तुम्हारा स्थान तय करता है कि तुम्हारी जिम्मेदारी क्या है। इसी प्रकार से आप सभी अपने पद के अनुरूप मिली हुई जिम्मेदारी का अच्छे से निर्वहन करें।

उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के तहत अध्यापन कार्य करते हुए विद्यालय को ऐसा बनाये कि अभिभावक स्वेच्छा से अपने बच्चों को लायें।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अंत में संगठन की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एक अनुशासित संगठन है और इसके पदाधिकारी अनुशासन में रहते हुए किसी समस्या को रखते हैं और विभाग का सकारात्मक सहयोग करते हैं ।

अधिकारी भी उनकी बातों को ध्यान से सुनते हुए शिक्षकों की समस्याओं को अपने स्तर से निपटाने का जल्द से जल्द प्रयास करते हैं माध्यमिक संभल के जिला अध्यक्ष डॉ कैलाश रावत माध्यमिक से आए शिक्षकों की समस्या को उठाया और सभी का आभार प्रकट किया कार्यक्रम में सभी खंड शिक्षा अधिकारी एक मंच पर मौजूद रहे ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है पूरे जनपद के सभी शिक्षा अधिकारी एक साथ एक मंच पर रहकर शिक्षकों के साथ तालमेल बैठाने का कार्य किया ।

कार्यक्रम में वित्त एवं लेखा अधिकारी प्रशांत कुमार नीरज शर्मा अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट दलबीर सिंह नरेंद्र भारद्वाज दत्त शर्मा संजय भारद्वाज मनोज वासनी डॉ विजय पाल सिंह उमेश वर्मा सुमित कुमार चतुर्भुज चैहान संजय गुप्ता विपुल राजौरा डॉ मंजू गौतम नीलम पाराशर मायरा डॉ नेहा खान डॉक्टर एजेंसी प्रोफेसर एके सिंह तोमर के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों से आए

हजारों की संख्या में शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर सम्मेलन में प्रतिभाग किया अंत में संगठन के जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजेश चैहान ने सभी का आभार व्यक्त कर राष्ट्रगान कराया राष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ राष्ट्रगान से पूर्व आए हुए सभी अतिथियों को भारत माता की तस्वीर दी गई एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का कैलेंडर और उसकी पत्रिका सभी को उपलब्ध कराई गई।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अंत में संगठन की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एक अनुशासित संगठन है और इसके पदाधिकारी अनुशासन में रहते हुए किसी समस्या को रखते हैं और विभाग का सकारात्मक सहयोग करते हैं अधिकारी भी उनकी बातों को ध्यान से सुनते हुए शिक्षकों की समस्याओं को अपने स्तर से निपटाने का जल्द से जल्द प्रयास करते हैं ।

माध्यमिक संभल के जिला अध्यक्ष डॉ कैलाश रावत माध्यमिक से आए शिक्षकों की समस्या को उठाया और सभी का आभार प्रकट किया कार्यक्रम में सभी खंड शिक्षा अधिकारी एक मंच पर मौजूद रहे ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है पूरे जनपद के सभी शिक्षा अधिकारी एक साथ एक मंच पर रहकर शिक्षकों के साथ तालमेल बैठाने का कार्य किया ।

कार्यक्रम में वित्त एवं लेखा अधिकारी प्रशांत कुमार नीरज शर्मा अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट दलबीर सिंह नरेंद्र भारद्वाज दत्त शर्मा संजय भारद्वाज मनोज वासनी डॉ विजय पाल सिंह उमेश वर्मा सुमित कुमार चतुर्भुज चैहान संजय गुप्ता विपुल राजौरा डॉ मंजू गौतम नीलम पाराशर मायरा डॉ नेहा खान डॉक्टर एजेंसी प्रोफेसर एके सिंह तोमर के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों से आए ।

हजारों की संख्या में शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर सम्मेलन में प्रतिभाग किया अंत में संगठन के जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजेश चैहान ने सभी का आभार व्यक्त कर राष्ट्रगान कराया राष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ राष्ट्रगान से पूर्व आए हुए सभी अतिथियों को भारत माता की तस्वीर दी गई एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का कैलेंडर और उसकी पत्रिका सभी को उपलब्ध कराई गई।

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