Site icon Pratap Today News

सर्दी के मौसम में बच्चों को बचायें, निमोनिया व डायरिया से

नीरज जैन की रिपोर्ट

अमरोहा । सर्दी का मौसम आजकल बच्चों को बीमार कर रहा है। साथ ही इस मौसम में सर्दी-जुकाम आम बात है, लेकिन यह स्थिति लम्बे समय तक बनी रहती है तो निमोनिया हो सकता है। ऐसे में निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है। डायरिया को दस्त के रूप में भी जाना जाता है यह एक बीमारी है जो आपको सामान्य की तुलना में अधिक शिथिल या अधिक मल पास करती है।

जिला अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डा. शिवकुमार ने बताया इस मौसम में अपने बच्चों को सर्दी-खांसी, जुकाम जैसे तरह-तरह के वायरल और दूसरी बीमारियों से बचाने के लिए उनका खास ख्याल रखें। उन्होंने कहा आपके बच्चे जब गार्डन में जाएं तो उन्हें समझाएं कि उन जगहों के पास न खेलें जहां थोड़ा भी पानी इकट्ठा हो।

बच्चों के कपड़ों को एकदम साफ रखें, खासकर जिन कपड़ों को वे पहनकर गार्डन जाते हों, उन्हें अलग रखें और फिर से बिना धोये न पहनाएं।

निमोनिया साधारण से जानलेवा भी हो सकता है। सर्दी के मौसम में शिशुओं को निमोनिया का ख़तरा अधिक होता है। इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए।

उन्होंने बताया सर्दी के मौसम के साथ बच्चों को सबसे बड़ा खतरा निमोनिया का भी हो सकता है। इसके लक्षण भी आम बीमारियों से काफी मिलते-जुलते हैं लेकिन निमोनिया को लोग आमतौर पर मामूली बीमारी मानकर नजर अंदाज करने की गलती करते हैं। इस कारण यह बीमारी बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो जाती है।

उन्होंने बताया जिला अस्पताल में प्रतिदिन 7 से 12 बच्चे निमोनिया के आते हैं । और डायरिया के बच्चे प्रतिदिन 8 से 10 तक आ जाते हैं। एक माह में 200 से 250 तक निमोनिया व डायरिया के बच्चे आ जाते हैं। शिशुओं में होने वाले डायरिया को नजरअंदाज करना भी गंभीर हो सकता है।

और सर्दी-जुकाम और बुखार की तरह डायरिया भी आम, लेकिन गंभीर समस्या है। लगभग हर किसी ने अपने जीवन में कभी न कभी डायरिया का सामना किया ही होगा। जिन्हें डायरिया हुआ है, उन्हें पता होगा कि पेट में ऐंठन और सूजन कितनी तकलीफदेय होती है। बार-बार उल्टी और दस्त होना डायरिया के लक्षण हैं। अगर डायरिया का इलाज सही वक्त पर न किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है ।

डायरिया के लक्षण

कम पेशाब होना, मुंह का सूखना,सिरदर्द, थकान, मल में खून, सुस्ती, अधिक नींद आना,धंसी हुई आंखें।

डायरिया से बचाव

डायरिया में बच्चों को उबला हुआ पानी दे।
बाहर का खाना, फास्ट फूड और पैक्ड फूड का इस्तेमाल न करने दें। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
शौच के बाद अच्छी तरह साबुन से हाथ धोएं।

निमोनिया के लक्षण

बच्चों को बुखार होना । खांसी का लगातार बढ़ना ।
तेज सांस लेना।
उल्टी दस्त होना।
सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना।
शरीर में पानी की कमी होना।

ऐसे करें बचाव

बच्चों के शरीर को ढकने वाले गर्म कपड़े पहनाएं।
खुली हवा और ऑक्सीजन पूरी मात्रा में मिलनी चाहिए।
शीतलहर से बच्चों को बचाएं।चाय, गर्म पानी, मौसमी फलों का रस आदि पिलाते रहें।

Exit mobile version