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जनपद में 16 तारीख को मनाया जाएगा एकीकृत निक्षय दिवस

नीरज जैन की रिपोर्ट

अमरोहा । जनपद को क्षय रोग मुक्त बनाने के विविध प्रयास किए जा रहे हैं । इसी क्रम में हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस मनाए जाने वाला निक्षय दिवस अब एकीकृत निक्षय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 15 तारीख को रविवार अवकाश होने के कारण इस बार यह दिवस सोमवार यानि 16 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन टीबी के साथ फाइलेरिया, मलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया और कुष्ठ के मरीज भी देखे जाएंगे। चिन्हांकन के साथ जांच और उसी दिन इलाज की सुविधा दी जाएगी।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मुमताज अंसारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, शहरी क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला चिकित्सालय में निक्षय दिवस पर निक्षय गतिविधियों के साथ कुष्ठ की उन्मूलन गतिविधियों पर ज़ोर दिया जाएगा ।

इन बीमारियों के रोगियों को चिन्हित कर उन्हें उपचार, परामर्श व आवश्यक दवाएं दी जाएंगी । आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि दिवस के पूर्व सभी आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान टीबी, कुष्ठ, फाइलेरिया, उन्मूलन के लिए समुदाय को जागरूक करें जिससे वह स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर इन बीमारियों से बचाव व उपचार का लाभ ले सकें ।

उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता संभावित टीबी, कुष्ठ के संभावित मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाएंगी। सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मरीजों की प्रारम्भिक जांच एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच करेंगे । इसके साथ ही बलगम का नमूना लेंगे । उसे निक्षय पोर्टल पर आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा । सीएचओ और आशा के जरिए निक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा । सीएचओ जाँच में टीबी, कुष्ठ की पुष्टि वाले मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की भी स्क्रीनिंग सुनिश्चित करेंगे ।

(डीटीओ) डॉ मुमताज अंसारी ने बताया कि 16 जनवरी को मनाए जाने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला चिकित्सालय की वाह्य मरीज विभाग (ओपीडी) में आने वाले मरीजों के 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम की जांच की जाएगी । उन्होने बताया कि क्षयरोगियों को जाँच व इलाज की सुविधा के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से पोषण सामग्री और भावनात्मक सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है । क्षय रोगियों को इलाज के दौरान हर माह 500 रुपए पोषण भत्ता भी मिलता है ।

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