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सर्दियों में गर्भवती महिलाएं रखें सेहत का खास ख्याल

संजय सोनी की रिपोर्ट

कासगंज । बड्डूनगर निवासी 23 वर्षीय आसिया ने बताया कि वे नौ माह गर्भवती हैं ये उनका पहला बच्चा है । वे बताती हैं कि गर्भ के तीसरे माह में आशा बहनजी उन्हें अशोकनगर अस्पताल लेकर गई अस्पताल में उनकी सारी जाँच की गई और टीडी का पहला टीका लगाया । डॉ. ने उन्हें हरी सब्जी फल दूध आदि खान पान में शामिल करने को कहा और प्रसव पूर्व चारों जाँच की जानकारी दी उसके बाद मैंने दूसरे माह में दूसरा टीका भी लगवा लिया ।

आसिया ने कहा कि मेने अस्पताल जाकर चारों जाँच करा ली है, लास्ट टाइम ज़ब अस्पताल गई तब डॉ. ने उन्हें सर्दी से बचाव के लिए जानकारी दी कि गर्म कपड़े पहनने और खान पान का ख्याल अच्छे से रखें पानी पीने में कमी न करें पानी उबालकर गुनगुना पानी अच्छी मात्रा में लें जिससे पानी की कमी न हो । जिससे माँ स्वस्थ रहेगी तभी गर्भ में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ रहेगा । आसिया कहती है जबसे वे गर्भवती हुई हैं उनके परिवार वाले उनके खान पान का बहुत ख्याल रखते है, सर्दी में तो औऱ भी ज़्यादा उनका ख्याल रखा जा रहा है ।

जिला अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीला ने कहा कि सर्दी के मौसम में सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। ताकि गर्भवती महिलाओं को बीमारी से दूर रखा जा सके। ऐसे बदलते मौसम में गर्भवती को स्वस्थ रहने के लिए अच्छे खानपान के साथ प्रसव पूर्व (एएनसी) की जाँच कराना ज़रूरी है । सर्दी में गर्म कपड़े पहनें, हरी सब्जी फल दूध आदि का सेवन करें ।

डॉ. नवीला ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को ठंड से बचाव की जरूरत होती है। इसलिए गर्म कपड़े पहनें। ताकि गर्भवती ठंड से बचकर रहे सके। क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे पर बाहर के मौसम का भी प्रभाव पड़ता है, इसलिए गर्भवती को पूरी तरह से देखभाल करनी चाहिए। गर्भवती अपने खानपान में दूध, पालक व हरी सब्जी पत्तेदार शामिल करे। महिलाओं को सेहत के लिए पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है। जिससे कि सर्दी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे । उन्होंने कहा कि गर्भवती सर्दी की वजह से पानी का सेवन कम न करें, उबालकर गुनगुना पानी अच्छी मात्रा पिएं और शरीर में पानी की कमी न होने दें ।

जिला अस्पताल महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋचा ने बताया कि सर्दी के मौसम में अक्सर जुकाम सर्दी व बुखार आदि की समस्या होती है, तो बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। चिकित्सक की सलाह के बिना किसी भी दवा का सेवन न करें, गर्भवती को अपने स्वास्थ्य के साथ शिशु के स्वास्थ्य का ख्याल रखना है ।

डॉ. ऋचा ने कहा कि इसके साथ ही प्रसव पूर्व चारों जाँच कराना ज़रूरी है, इनमें प्रथम जांच 12 सप्ताह के भीतर और दूसरी जांच 14 से 26 सप्ताह व तीसरी जांच 28 से 34 सप्ताह और चौथी जांच 36 सप्ताह प्रसव तक होती हैं । जिसमें हीमोग्लोबिन, एचआईवी, सिफलिस, शुगर, बीपी, वजन, ब्लड, पेट की जाँच की जाती है, इसके साथ ही टीडी के दोनों टीके भी लगवाएं और साथ ही आयरन कैल्सियम की टेबलेट समय से लें ।

डीपीएम पवन कुमार ने बताया जिले में एक अप्रैल से अब तक 31880 गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जाँच हुई है । जिसमें 25324 पहली जाँच व 29362 गर्भवतीयों ने प्रसव पूर्व चारों जाँच कराई है । जिसमें 18042 को टीडी टीके की प्रथम डोज़ 15042 को टीडी दूसरी डोज़ व 13748 को टीडी बूस्टर डोज़ लग चुकी है ।

उन्होंने बताया 39252 गर्भवती आयरन व 38941गर्भवतीयों ने कैल्शियम टेबलेट 180 दिन का पूरा कोर्स किया,17698 गर्भवतीयों को एल्बेंडाजोल टेबलेट भी दी गई । डीपीएम ने कहा 28540 गर्भवतीयों की हीमोग्लोबिन की जाँच की जिसमें 1496 गर्भवतीयों में हीमोग्लोबिन कम था, 7 पॉइंट से कम 333 महिलाओं को ट्रीटमेंट दिया । 2540 गर्भवती की शुगर जाँच,12349 की सिफलिस, 29234 की एचआईवी जाँच हुई ।

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