संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । विश्व में शायद ही कोई हो जो कोविड 19 का कहर भुला पाया हो। कोविड 19 से भी अधिक खतरनाक प्रभावों वाली आपत्ति (बीमारी) ने दुबारा से दस्तक देना शुरु कर दिया है। कई देश के नागरिक तो इससे पीड़ित होने लगे हैं। इस संबंध में प्रमुख समाजसेवी भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डा एस के गौड़ से इस संबंध में विशेष रूप से वार्ता की ।
डा .एस के गौड़ ने बताया कि विगत समय में कोविड 19 से हम भारतीय भी अछूते नहीं रहे थे। लगभग हम सभी ने कोई पारिवारिक, सामाजिक, मिलने-जुलने वालों को समय से पहले खो दिया था। डा एस के गौड़ ने आगे बताया कि इस विराट समस्या का समाधान भय रहित सजगता व सकारात्मक सोच ही है। इससे बचने के लिए डा एस के गौड़ ने कहा कि इस बीमारी का मन व दिल में डर ना पालें।
सरकार एवम डॉक्टर्स द्वारा बताए गए नियमों का पालन कर सावधानी बरतें। मास्क का भली भांति प्रयोग करें। भीड़-भाड़ वाली जगहों (सामुहिक उत्सव, मेला, सभा आदि) से दूरी बनाए। हाथ ना मिलाएँ, प्रसिद्ध भारतीय संस्कृति अनुसार हाथ जोड़ अभिवादन करें। घर पहुंचने पर हाथों सहित चेहरे को ताजा पानी से अच्छी तरह से धोए। व्हाट्सएप पर नकारात्मक प्रभाव वाली सूचनाओं से दूरी बनाए। विशेष कदम-जिन्होंने वैक्सीन अभी तक नहीं लगवाई, उन्हें बिना देरी स्वयं,परिवार व पर हितकारी बनने के वास्ते ले लें।
डा एस के गौड़ के अनुसार इस बीमारी के लिए औषधि व सामांन्य सलाह-
कैसे भी लक्षणों जैसे-जुकाम, खांसी, बुखार, बदन दर्द आदि महसूस होने पर किसी नजदीकी होम्योपैथ से परामर्श लें। इस पैथी ने कोविड 19 के वक्त रोगियों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में प्रशंसनीय भूमिका अदा की थी।
दवाएं- एकोनाइट , आर्सेनिक , ब्रायोनिया , डलकामारा , आईपीकैक नक्सबॉम , पलसाटिला , रस्टॉक्स आदि ।
लेकिन याद रखें कोई भी दवा बिना विशेषज्ञ की राय के ना लें ।
साथ ही डा एस के गौड़ ने आगे बताया कि सुबह सैर को जरूर जाएं, रोग विरोधी क्षमता बढ़ने से स्वस्थ बने रहते हैं।
रोज ताजा पानी से स्नान करें, तारो ताजा रह बीमार कम होंगे । ताजा मौसमी फल-सब्जियों का हमेशा सेवन करने से बीमार नहीं होगे। खुश रहने का प्रयास करने से निरोगी बनोगे।