Site icon Pratap Today News

टीबी लाइलाज नहीं, समय पर कराएं इलाज : डीटीओ

जिले में इस समय 1893 क्षय रोगियों का चल रहा इलाज

 

नीरज जैन की रिपोर्ट

फर्रुखाबाद । देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से ज़िले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर गत 15 दिसंबर को निक्षय दिवस मनाया गया । इस दौरान ओपीडी में आने वाले मरीजों में से दस प्रतिशत संभावित मरीजों की टीबी की जांच की गई, जिसमें से 75 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई ।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रंजन गौतम ने बताया कि क्षय रोग लाइलाज नहीं है,समय से जाँच और इलाज हो जाए तो`मरीज़ जल्द स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है ।

टीबी का मरीज एक वर्ष में 10 से 15 लोगों को इस बीमारी से संक्रमित कर सकता है। ऐसे में टीबी का समय रहते इलाज होना बेहद जरूरी है। यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। इसलिए, इसे छिपाने की नहीं, बल्कि इस रोग के इलाज की जरूरत है। टीबी के मरीजों को अपना उपचार बीच में नहीं छोड़ना चाहिए । यदि बीच में उपचार छोड़ दिया गया तो टीबी से ठीक होना कठिन हो जाता है।
डीटीओ ने बताया कि टीबी के मरीज़ से सामान्य रूप से पेश आएं जिससे वह जल्द ही इस बीमारी से उबर सके ।

जिला क्षय रोग इकाई के जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जिले में इस समय 1893 क्षय रोगी हैं l इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत् इस वित्तीय वर्ष में अब तक 77 लाख रुपए का भुगतान उनके उचित पोषण के लिए किया जा चुका है ।

 

क्षय रोग के प्रमुख लक्षण :

– दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी आना ।
– दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना।
– वजन में कमी आना/ भूख न लगना।
– बलगम से खून आना।

Exit mobile version