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बच्चों का सर्दी के मौसम में रखें विशेष ध्यान : डा दिनेश कुमार 

– सर्दी से बचाव के लिए पहनाएं पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े

रेनू शर्मा की रिपोर्ट

 

बुलंदशहर । मौसम बदलते ही सुबह सर्दी दोपहर में गर्मी और रात में फिर सर्दी होने लगी है । तापमान दिन प्रति दिन घटने लगा है। ऐसे में अपने बच्चों का खास ध्यान रखना होगा। यह कहना है जनपद के खुर्जा स्थित एसएस जटिया अस्पताल के फिजिशियन डा. दिनेश कुमार का। उन्होंने बताया – इस समय ओपीडी में बड़ी संख्या में छोटे बच्चे सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित आ रहे हैं । डा. दिनेश का परामर्श है कि नवजात शिशु और छोटे बच्चों को दिन के वक्त भी पूरे कपड़े पहना कर रखें। सिर पर टोपी और पैर में मोजे रहेंगे तो रात के वक्त तापमान कम होने पर उन्हें सर्दी लगने का खतरा कम रहेगा।

इस मौसम में दिन और रात के तापमान में अच्छा खासा अंतर आ जाता है। यह नवजात और छोटे बच्चों के लिए सर्दी-खांसी, बुखार की वजह बनता है। जिन बच्चों को सर्दी के साथ सांस फूलने की शिकायत होती है उन्हें तापमान में आए अंतर की वजह से अस्थमा जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है। इन दिनों वातावरण में धूल भी बहुत होती है। इससे बच्चों को एलर्जी हो सकती है। ठंड के मौसम में सभी घरों में गर्म कपड़े निकाले जाते हैं। इनमें धूल के कण होते हैं जो एलर्जी की एक बड़ी वजह बनते हैं। बच्चों को रात के समय घर से बाहर ले जाने से बचें और सही समय पर उनका टीकाकरण अवश्य करवाएं।

उन्होंने बताया दिन के वक्त तापमान अधिक होने से कई बार हम नवजात शिशु और छोटे बच्चों को टोपी और मोजे नहीं पहनाते। यह ठीक नहीं है। नवजात शिशु और बच्चों को दिन के वक्त भी पूरे कपड़े पहनाएं। नवजात को मां के साथ ही रखें। बच्चा मां के शरीर से चिपककर रहेगा तो उसे गर्मी मिलती रहेगी।

डॉ दिनेश कुमार ने बताया – मां का दूध बच्चे को दस्त, सर्दी-जुकाम से भी सुरक्षा देता है। सीधे ठंडी हवा के संपर्क में आने से नवजात की सेहत बिगड़ सकती है। छोटे बच्चों को रात के वक्त तला हुआ आहार देने से बचना चाहिए। कई बार देखने में आता है कि मामूली बुखार आदि होने पर लोग बच्चे का टीकाकरण टाल देते हैं। यह भी ठीक नहीं है। बच्चों को सही समय पर टीका लगना जरूरी है। इसमें कोई लापरवाही न करें।

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