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मत्स्य उत्सव के रंग में सजा रियासत कालीन राजधानी माचाड़ी कस्बा

ऐतिहासिक रहा माचाड़ी का मत्स्य उत्सव , श्रीमती कमलेश मीना के प्रयास लाये रंग।

नागपाल शर्मा की रिपोर्ट

(अलवर राजस्थान) माचाडी । अलवर राज्य की प्राचीन राजधानी मत्स्यपुरी में अलवर स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर पहली बार मत्स्य उत्सव का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि अलवर की स्थापना माचाड़ी के राव राजा प्रतापसिंह ने 25 नवम्बर 1775 को की थी। उसी के उपलक्ष्य में यह आयोजन प्रतिवर्ष अलवर में होता हैं। माचाड़ी से पंचायत समिति सदस्य श्रीमती कमलेश मोहरसिंह मीना लगभग 01 वर्ष से माचाड़ी को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने एवं यहां के हैरिटेज संरक्षण, हेमचन्द्र विक्रमादित्य एवं रावराजा प्रताप सिंह के उत्सव बनाने के लिए प्रयासरत थी। इस दिशा में उन्होंने अपने निजी प्रयासों से माचाड़ी के रानी का कुंआ पर एवं हेमचन्द्र विक्रमादित्य के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कियें।

उन्होनें पर्यटन मंत्री विश्वेंन्द्र सिंह एवं क्षेत्रीय विधायक जौहरी लाल मीना एवं जिला कलैक्टर को बार बार निवेदन किया कि चूंकि माचाड़ी के सपूत राव राजा प्रताप सिंह ने अलवर राज्य की स्थापना की थी अतः रावराजा प्रताप सिंह की जन्म स्थली से मत्स्य उत्सव की शुरुआत हो। अतः ग्राम वासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुऐ जिला कलैक्टर जितेंद्र सोनी के निर्देशन में पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में माचाड़ी मे पहली बार मत्स्य उत्सव का आयोजन हुआ। इसमें प्रातःकाल राव राजा प्रताप सिंह की तस्वीर पर मुख्य अतिथि विधायक जौहरीलाल मीना ने माल्यार्पण कर हैरिटैज से हैरिटैज मोटरसाइकिल रैली को हरी झंडी दिखाई। स्कूल के खेल मैदान में कबड्डी एवं रस्साकस्सी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। कबड्डी में डोरोली की टीम विजेता रहीं।

यहीं उडीसा से आये लोक कलाकारों ने सैण्ड आर्ट बनाई। मैदान में राजीविका एवं आधारशिला के प्रमोशन के लिए स्टाल दी गई। पंचायत समिति रैणी एवं ग्राम पंचायत की ओर से सभी आगंतुकों को भोजन की व्यवस्था की गई। सायं 05 बजे मुख्य अतिथि विधायक जौहरी लाल मीना ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत की । स्थानीय कलाकार विवेकानंद स्कूल की टीम एवं कन्हैया दंगल पार्टीयों ने शानदार शुरूआत की। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने बांरा का सहरिया नृत्य, मेवात भपंग वादन,पंजाब का भांगडा नृत्य,कश्मीर का लोक नृत्य, कालबेलिया नृत्य,चकरी,नृत्य,ब्रज का मयूर नृत्य से लोग झूम उठें। कन्हैया दंगल एवं गणेश वंदना की सभी ने प्रंसशा की।

साबरी ब्रदर्स ने जिन्दा रहने के लिए तेरी कसम एक मुलाकात जरूरी है सनम से सभी की तालियां बटोरी। कार्यक्रम के अन्त में पिलिया कुंड में दीपदान का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान हो रही आतिशबाजी ने आसमान को इस कदर रंगीन कर दिया मानों रावराजा प्रताप सिंह का राज्याभिषेक आज ही हुआ हों। कार्यक्रम में उपस्थित हजारों लोगों रैणी एसडीएम अनिल सिंघल की तैयारियों की बहुत प्रशंसा की। कार्यक्रम में रैणी प्रधान प्रतिनिधि मांगीलाल मीना सहित राजगढ एवं लक्ष्मणगढ़ प्रधान तथा

क्षेत्र के सभी सरपंच,जिला पार्सद,पंचायत समिति सदस्य ब्लाक रैणी के बीडीओ कालूराम मीना सहित सभी अधिकारी कर्मचारी, एस एस पी डेरा के कमांडेंट, मीडिया कर्मी नागपाल शर्मा, सहित हजारों की संख्या में दर्शक उपस्थित रहें। रैणी एस डी एम अनिल कुमार सिंघल ने सभी को सम्मानित कर कार्यक्रम समाप्ति की घोसणा की। कार्यक्रम के अंत में प्रशासनिक अधिकारी डीसी मीणा ने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग होने के कारण मंत्रियों का आना नहीं हुआ। फिर भी कोई नहीं माचाड़ी कस्बे का विकास जरुर होगा।

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