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जन्म-मृत्यु पंजीकरण से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशिक्षण सम्पन्न

उपेंद्र शर्मा की रिपोर्ट

नोएडा । उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जन्म-मृत्यु पंजीकरण के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार डा. राघवेन्द्र् प्रताप सिंह ने निर्देश दिये हैं कि जन्म-मृत्य पंजीकरण के मामले में किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो और उन्हें अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें। डा. सिंह ने यह निर्देश सेक्टर 39 नोएडा स्थित कोविड अस्पताल के दूसरे तल पर आयोजित जन्म-मृत्यु पंजीकरण से जुड़े अधिकारी कर्मचारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिये।

17-18 नवम्बर को अलग-अलग सत्रों में सम्पन्न हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना विकास प्राधिकरण, जिम्स, राजकीय जिला चिकित्सालय, कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल, सभी सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, नगर पालिका परिषद दादरी, नगर पंचायत दनकौर, बिलासपुर, जेवर, रबुपुरा, जहांगीरपुर एवं ग्राम पंचायतों के जन्म-मृत्यु पंजीकरण के रजिस्ट्रार एवं सबंधित -कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी को निर्देश दिए गए कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी चारों अधिसूचनाओं पर शत-प्रतिशत कार्य करें। वर्ष 2017 में जन्म-मृत्यु पंजीकरण से संबंधित अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना में जन्म-मृत्यु की घटना की सूचना कौन देगा, कौन प्रमाणपत्र जारी करेगा, घर अस्पताल अथवा अन्य स्थानों पर हुए प्रसव अथवा मृत्यु की सूचना किस प्रकार दी जाएगी, किसको दी जाएगी, कौन प्रमाण पत्र जारी करेगा आदि विषय के बारे में दिशा निर्देश दिये गये हैं। डॉ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि जन्म मृत्यु के मामले में स्वास्थ्य केन्द्र, निजी संस्थान की ओर से डिस्चार्ज के समय बिना (संबंधित शिशु व्यक्ति का) नाम अंकित किए सभी जरूरी जानकारी के साथ प्रमाण पत्र दिया जा सकता है। प्रमाण पत्र पर बाद में नाम अंकित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को और सरल बनाना है।

डा. राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा जन्म के मामले में सरकारी संस्थानों द्वारा डिस्चार्ज के समय बिना नाम अंकित किये संभी जरूरी जानकारी के साथ प्रमाण पत्र दिया जा सकता है। प्रमाण पत्र पर बाद में नाम अंकित किया जा सकता है। उन्होंने कहा हर हाल में प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सरल बनाना है।

जिला अपर शोध अधिकारी के.के. भास्कर ने कार्यक्रम में सभी से समय पर सूचना उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा हेल्थ मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) एवं सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पर सभी निजी संस्थान एवं सरकारी संस्थान समय पर सूचना अंकित करें। कई बार नगर पालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, सरकारी व निजी संस्थानों की ओर से शतप्रतिशत सूचना निर्धारित समय पर नहीं दी जाती हैं। सभी प्रतिभागियों को उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राघवेन्द्र प्रताप सिंह, जिला अपर शोध अधिकारी के.के. भास्कर व डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट संतोष कुमार ने प्रशिक्षण दिया।

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