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बुखार से पीड़ित तत्काल जांच कराकर शुरू करें इलाज : सीएमओ

डेंगू से बचाव के लिए बरते सावधानी

 

संजय सोनी की रिपोर्ट

 

अलीगढ़ । डेंगू व बुखार का उपचार सम्भव है, बुखार से पीड़ित व्यक्ति तत्काल जॉच कराकर अपना इलाज शुरू कराएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि डेंगू बुखार से बचाव के लिए आवश्यक है कि एडीज मच्छर को पनपने से रोका जाये। इसके साथ ही उन्होने कहा है कि एडीज मच्छर केवल पानी में पैदा होता है, अतः कहीं पर भी पानी इकट्ठा न होने दें। उन्होंने अपील किया है कि आस-पास यदि मच्छर अधिक हो गए हो, तो दवा छिड़काव के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामसचिव तथा नगरीय क्षेत्र में नगरपालिका में सूचना दें।

सीएमओ ने बताया कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इसलिए इनसे बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतें। डेंगू रोग से ग्रसित रोगी को मच्छरदानी के भीतर ही रखें। इस उपाय से अन्य व्यक्तियों को डेंगू बुखार से बचाव हो सकेंगा। इसके अलावा अन्य लोग घर से आसपास सफाई रखें, कूड़ा करकट ईधर-उधर न फेंके, जंगली झाड़िया व घास साफ कर दें।

घर के आसपास पानी एकत्र ना होने दें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहने ताकि शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहें। घर के अन्दर सप्ताह में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव कर दें। छिड़काव करते समय मुॅह एवं नाक पर कपड़ा बाधे तथा खाने-पीने के सामान को ढक कर रखें। उन्होने बताया है कि रूमकूलर तथा पानी की टंकी की नियमित सफाई करें, इसको ढक कर रखे ताकि मच्छर न पनप सके।

नगरीय मलेरिया अधिकारी डॉ. इमरान सिद्दिकी ने बताया कि डेंगू का प्रमुख लक्षण ठंड लगने के साथ तेज बुखार, सिर, मांसपेशी, गले में तथा जोड़ो में दर्द, आखों में दर्द, अत्यधिक कमजोरी, मुॅह में स्वाद का खराब होना है। इसके साथ ही शरीर पर लाल चकत्ते निकल सकते है। उन्होंने कहा कि साधारण डेंगू बुखार पांच से सात दिन तक रहता है और रोगी ठीक हो जाता है।

डेंगू हैमरेजिक बुखार सामान्य बुखार की तरह है तथा इसका उपचार एवं देखभाल घर पर किया जा सकता है। डेंगू शॉक, सिंड्रोम में शॉक के लक्षण होते है कि रोगी बेचैन हो जाता है, तेज बुखार के बावजूद त्वचा ठंडी रहती है तथा वह धीरे-धीरे होश खोने लगता है। तीनों ही अवस्था में तत्काल चिकित्सक से सलाह करके उपचार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि डेंगू व बुखार का उपचार ही सम्भव है, समय से बुखार से पीड़ित व्यक्ति तत्काल जांच कराकर अपना इलाज शुरू कराएं ।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जिले में कुल 257 डेंगू रोगी सूचित किए गए हैं। इस बुखार से अभी तक किसी की मृत्यु नहीं हुई है। उन्होने बताया कि डेंगू से प्रभावित ब्लाकों के गांव – गांव में सुरक्षात्मक उपाय जैसे-फॉगिंग, एण्टीलार्वा छिड़काव, पायरथीरम स्प्रेे, ब्लड जॉच के लिए नमूने एकत्रीकरण का कार्य कराया जा रहा है।

-डेंगू के लक्षण:

-फ्रिज के पीछे बास्केट में पानी भरा होने के कारण लार्वा मिलना
-पानी के बैरल या टैंकर जिसमे कपड़े/बर्तन धोने या पशुओं को पिलाने के लिए पानी स्टोर करते हैं, उनमें भी लार्वा मिलना
-छत पर पुराने टायर, बाल्टी व मिट्टी के बर्तन आदि मे भी लार्वा पाया जाना आदि के लक्षण हैं।

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