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टीबी के इलाज के दौरान दवाइयों के साथ पोषक आहार जरूरी : डीटीओ

नीरज जैन की रिपोर्ट

 

एटा। बीमारी से बचने के लिए दवाई के साथ-साथ पोषक आहार की भी आवश्यकता होती है। संतुलित आहार न सिर्फ़ बीमारी से बचाता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है| टीबी रोगियों में पोषक आहार का महत्त्व और बढ़ जाता, क्योंकि दवा के साथ सही आहार लेने पर रोगी जल्द से जल्द टीबी का हरा सकता है, यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राजेश शर्मा का।

डॉ शर्मा बताते हैं कि क्षय रोग के इलाज के समय चलने वाली दवाइयों के साथ मरीज को अपने अच्छे पोषण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। संक्रमित व्यक्ति को अपना सही वजन बनाए रखने के लिए 20 प्रतिशत तक अधिक एनर्जी की आवश्यकता होती है। साथ ही आहार पौष्टिक व संतुलित होना चाहिए। क्षय रोग के इलाज के दौरान भूख कम लगती है और मरीज कम खाना खाता है। जबकि इलाज की अवधि के दौरान संक्रमित व्यक्ति को अपने भोजन में सभी फूड ग्रुप (फल,सब्जियां,अनाज,प्रोटीन व डेयरी) को सम्मिलित करके प्रचुर मात्रा में खाना चाहिए। व अपने भोजन में प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थो की मात्रा अधिक रखनी चाहिए ।

पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) कोऑर्डिनेटर आशीष पाराशरी ने बताया कि टीबी मरीजों को सही पोषण मिले, इसके लिए क्षय रोगियों को गोद लिया जा रहा है। जिले में जनवरी माह से अब तक 1901 क्षय रोगियों को गोद लिया गया है। इस दौरान क्षय रोगियों को पोषक आहार के तौर पर प्रतिमाह एक किलो चना, मूंगफली दलिया, गुड आदि मुहैया कराया जाता है। साथ ही निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत क्षय रोगियों को इलाज की अवधि के दौरान प्रतिमाह 500 रुपए दिए जाने का भी प्रावधान है।

लाभार्थी अमित (बदला हुआ नाम) निवासी भागीपुर ने बताया कि जनवरी माह से उनका क्षय रोग का उपचार चल रहा था व उन्हें जिला क्षय रोग अधिकारी द्वारा गोद लिया गया था। इस दौरान उन्हें पोषक आहार मुहैया कराए गया। साथ ही उन्होंने दवाइयों के कोर्स को पूरा किया अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज संभव है लोगों को टीबी के इलाज के दौरान सही तरह से दवाइयों का कोर्स पूरा करना चाहिए और इलाज बीच में नहीं छोड़ना चाहिए| साथ ही पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए जिससे जल्द से जल्द टीबी को हरा सकेंगे।

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