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नगला किसानन, बंगसपुरा कोहना और हाथीपुर में पांच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगे टीके

बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाता है नियमित टीकाकरण

 

नीरज जैन की रिपोर्ट

 

फर्रुखाबाद । अच्छा स्वास्थ्य सभी को अच्छा लगता है, सभी स्वस्थ रहना चाहते हैं । लेकिन जब टीकाकरण की बात आती है तो लोग भय वश पीछे हट जाते हैं टीकाकरण बच्चों का हो या बड़ों का । लोगों को यह समझना होगा कि हमारी अच्छी सेहत के लिए टीकाकरण बहुत जरुरी है । हमको समय आने पर अपने बच्चों के नियमित टीकाकरण के साथ साथ खुद के भी कोरोना से सुरक्षा के लिए टीका लगवाना आवश्यक है । यह कहना है जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा का ।

डॉ वर्मा ने कहा कि जिले में सात सीएचसी के साथ शहरी क्षेत्र में भी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को उनकी सेहत दुरुस्त रहे इसके लिए टीके लगाये जाते हैं ।इसी क्रम में बढ़पुर ब्लॉक के अंर्तगत आने वाले ग्राम नगला किसानन, हाथीपुर और शहरी क्षेत्र में बंगसपुरा कोहना में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया ।

इस दौरान मौजूद यूनिसेफ से बीएमसी हुमा ने बताया कि महिला को गर्भ धारण करने के बाद जैसे ही पता चलता है । की वह गर्भवती है उसको टीडी का टीका लगाया जाता है । यह माँ और बच्चे को टिटनेस और डिप्थीरिया से बचाता है इसके बाद दूसरा टीका एक माह बाद लगता है ।

हुमा ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को पोलियो की खुराक के साथ ही टीबी से बचने के लिए बीसीजी का टीका, हेपेटाईटिस बी का टीका, इसके बाद डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह पर पोलियो की खुराक, पेंटा का टीका, रोटा वायरस से बचाने के लिए रोटा का टीका और बच्चों को निमोनियां से बचाने के लिए पीसीवी का टीका दिया जाता है । इसके बाद 9 माह पर खसरा और रुबैला का टीका साथ ही बच्चों को रतोंधी रोग न हो और बच्चों की आँखों की रौशनी अच्छी हो इसके लिए विटामिन ए की खुराक भी दी जाती है । 16 से 24 माह के बीच डीपीटी बूस्टर, पोलियो की खुराक, खसरा और रुबैला के टीके के साथ ही विटामिन ए की खुराक दी जाती है ।

बंगसपुरा कोहना की रहने वाली 10 माह के अजलान की मां ने बताया कि मैंने अपने बच्चे के 9माह तक के सभी टीके लगवा लिए हैं। बच्चे को थोड़ा बुखार आया था l एएनएम दीदी ने दवा दी थी उसको खिलाने के बाद वह स्वस्थ हो गया । नगला किसानन की रहने वाली 8 माह की बच्ची की मां शालनी ने बताया कि मुझे बच्चे को टीका लगवाने से बहुत डर लगता है लेकिन आज हुमा ने काफ़ी समझाया तब जाकर मेरा डर दूर हुआ और मैंने अपनी बच्ची को टीका लगवा लिया ।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5(2019 21) के अनुसार ज़िले में 12 से 23 माह के 83.7 प्रतिशत बच्चों के सभी टीके लग गए हैं । 12 से 23 माह की आयु वर्ग में 95.3 प्रतिशत बच्चों के बीसीजी, 82.7 प्रतिशत बच्चों को पेंटा की तीनों डोज, 85.6 प्रतिशत बच्चों को खसरा की पहली तो 33.6 प्रतिशत बच्चों को दूसरी डोज, 34.7 प्रतिशत बच्चों को रोटा वायरस की तीनों डोज, 79 प्रतिशत बच्चों को हेपेटाइटिस बी और पेंटा की तीनों डोज और 9 माह से 35 माह के बीच में 71 प्रतिशत बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई है । इस दौरान बीसीपीएम विनीता,एएनएम रूपम, अर्चना, ज्योति, आशा कार्यकर्ता कविता राजपूत मौजूद रहीं ।

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