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पराली जलाने पर तीन किसानों से वसूला गया अर्थदंड

टप्पल के दो ग्रामों में किसानों ने जलाई पराली, 5000 का जुर्माना वसूला गया

 

संजय सोनी की रिपोर्ट

 

अलीगढ़ । 30अक्टूबर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए जिला अधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने पराली जलाने वालों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया है। विकास खंड टप्पल के ग्राम सालपुर एवं हजियापुर में तीन किसान ओमपाल, खगेंद्र सिंह व मोहन सिंह द्वारा पराली जलाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए उन पर 2500-2500 का आर्थिक दंड आरोपित कर वसूली करने के निर्देश दिए हैं।

उप निदेशक कृषि यशराज सिंह ने बताया है कि एनजीटी द्वारा पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। पराली जलाने के लिए किसानों को निरंतर जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए पराली प्रबंधन के बारे में गांव-गांव में गोष्ठियों का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष को खेत में जलाने से जहां मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जा रही है, वहीं पर मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवाणु भी जलकर नष्ट हो जाते हैं और इसका आगामी फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। उपनिदेशक कृषि यशराज सिंह ने बताया कि माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली द्वारा फसल अवशेष जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के मुताबिक कम से कम 2500 रुपये प्रति किसान अर्थदंड लगाए जाने के निर्देश हैं। इसी क्रम में तहसील खैर के विकास खंड टप्पल के ग्राम सालपुर एवं हजियापुर में ओमपाल, खगेंद्र सिंह व मोहन सिंह द्वारा पराली जलाए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए रुपया 5000 आर्थिक दंड अधिरोपित कर वसूली की गई है।

उप निदेशक कृषि यशराज सिंह ने किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा है कि वह पराली एवं अन्य फसलों के अवशेष को जलाए नहीं बल्कि उनका रासायनिक एवं तकनीकी विधि से उचित प्रबंधन करते हुए पर्यावरण संरक्षण के साथ ही कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर आगामी फसल में लाभ प्राप्त करें।

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