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जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर 1785 गर्भवती की हुई निःशुल्क जांच 

– समस्त स्वास्थ्य केंद्र पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस

रेनू शर्मा की रिपोर्ट

बुलंदशहर । जनपद में मातृ-शिशु मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर हर महीने की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस आयोजित किया जाता है। नौ अक्टूबर का अवकाश होने के कारण सोमवार (10 आक्टूबर) को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया।

कार्यक्रम के तहत  जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती की निशुल्क जांच-(ब्लड  प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच) की गई। इस दिन जनपद में 193 उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान हुई। चिकित्सकों ने ऐसी सभी महिलाओं को उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया है, जिससे उन्हें समय पर बेहतर इलाज मिल सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया- जनपद के जिला अस्पताल सहित जनपद के 28 शहरी व ग्रामीण चिकित्सा केन्द्रों पर सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें 1785 गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच निशुल्क की गई।

उन्होंने कहा- सभी गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच होना आवश्यक है, जिससे समय पर जोखिम की पहचान कर मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को सही खान-पान के बारे में जानकारी दी गयी, जिससे जच्चा बच्चा सुरक्षित रह सके सीएमओ ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (पीएमएसएमए) दिवस के तहत गर्भवती को बेहतर सुविधा देना विभाग का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा स्वास्थ्य इकाइयों तक आने वाली अधिकतर गर्भवती संसाधन विहीन, वंचित समुदाय से तथा दूर दराज के गांवों से आती हैं। अतः प्रयास किया जाता है कि आने वाली समस्त गर्भवती को उसी दिन सभी जाँच (ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड) निःशुल्क प्रदान की जायें, जिससे उन्हें बार-बार स्वास्थ्य इकाई पर न आना पड़े।

यदि सम्बन्धित चिकित्सालय पर कोई जाँच उपलब्ध नहीं है, तो उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित कर निःशुल्क सेवा प्रदान की जाती है। गर्भावस्था व प्रसव के समय होने वाले जोखिम से मां एवं शिशु को बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांच होना बहुत जरूरी है। सीएचसी पहासू पर गर्भवती की जांच की गई।

उन्होंने बताया गर्भावस्था में जब जटिलताओं की संभावना अधिक होती है तो, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी ( उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था) में रखा जाता है और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। उन्होंने बताया आशा कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती को इस दिवस पर केंद्र पर लाकर उनकी जांच करवाएं।

जिला परामर्शदाता मातृ स्वास्थ्य हिमांशू सचदेवा ने बताया जनपद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस 28 स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया। इसके तहत दूसरी व तीसरी तिमाही की गर्भवती पर फोकस किया जाता है। जांच के उपरांत उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया जाता है। उनकी स्थिति के हिसाब से उन्हें उच्च स्वास्थ्य केन्द्र पर रेफर किया जाता है। इस माह में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर जनपद में 193 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भवस्था वाली चिन्हित की गयीं।

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