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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस सोमवार को जिले की सभी सीएचसी, सिविल अस्पताल और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरूष में गोष्ठी कर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति किया जायेगा जागरूक

16 अक्टूबर तक चलेगा मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह मानसिक परेशानी लोगों को सही से जीने का मौका नहीं देती -डॉ दलवीर सिंह

नीरज जैन की रिपोर्ट

फर्रुखाबाद । इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी किसी न किसी बात को लेकर तनाव ग्रस्त रहते हैं । इसी को देखते हुए विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ) ने विश्व के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को यथार्थवादी बनाने के लिए वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की थी।

इस सम्बन्ध में मानसिक स्वास्थ्य के नोडल और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह का कहना है। कि वर्तमान में हमारे जीवनशैली में बदलाव हो रहा है, अपने आप में उलझे रहना और सामाजिक जीवन से दूरी चिंता और तनाव का कारण बनते जा रहे हैं आगे जाकर यही डिप्रेशन के साथ ही इस तरह की अन्य मानसिक बीमारियों की वजह बन जाती है।

डॉ दलवीर का कहना है कि दुनिया में बहुत से लोग सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टीरिया, एंजाइटी, आत्महीनता जैसी कई समस्याओं और बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसी तरह की मानसिक दिक्कतों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद है कि लोग मानसिक परेशानियों के प्रति जागरूक हों और समय रहते डॉक्टरी सहायता ले सकें।

साथ ही मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों की कठिनाई को उनके दोस्त, रिश्तेदार व समाज भी समझ सकें। डॉ सिंह ने कहा कि इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम (Make Mental Health & Well Being for All a Global Priority) अर्थात सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य और भलाई को वैश्विक प्राथमिकता बनाएं निर्धारित की गई है ।

डॉ सिंह ने कहा आपकी जिन्दगी से शुरू होने वाला मानसिक तनाव पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या बनकर उभरा है, जो अपने साथ कई तरह की अन्य समस्याओं को जन्म देने में सक्षम है । यही कारण है कि लोग इससे बचने के लिए और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए योग ध्यान अध्यात्म और कई तरह के अलग अलग तरीकों को अपने जीवन में उतार रहे हैं ।

डॉ सिंह ने बताया कि मानसिक परेशानी लोगों को सही से जीने का मौका नहीं देती है । तनाव से दूर रहें जीवन ऊपर वाले का दिया हुआ अनमोल उपहार है इसे व्यर्थ न गवाएं । डॉ सिंह ने बताया कि 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक जिले की सभी सीएचसी, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह मनाया आएगा ।

इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात एनसीडी डॉक्टर और काउंसलर द्वारा लोगों को मानसिक तनाव से बचने के उपायों के बारे में बताया जायेगा । सिविल अस्पताल लिंजीगंज में एनसीडी के डॉ ऋषि नाथ गुप्ता ने बताया कि किशोरावस्था और वयस्कता के शुरुआती वर्ष जीवन का वह समय होता है। जब कई बदलाव होते हैं, उदाहरण के लिए स्कूल बदलना, घर छोड़ना तथा कॉलेज, विश्वविद्यालय या नई नौकरी शुरू करना।

कई लोगों के लिए ये रोमांचक समय होता हैं तथा कुछ मामलों में यह तनाव और शंका का समय हो सकता है। यह तनाव मानसिक रोग उत्पन्न कर सकता है। डॉ. ऋषि ने बताया कि जो लोग किसी वजह से परेशान हैं यानि डिप्रेशन में जी रहे हैं, उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले डिप्रेशन रोगी परेशान होकर गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसे लोगों पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक अस्वस्थता किसी भी उम्र में हो सकती है।

क्या करें : डॉ. ऋषि ने बताया यदि किसी को मानसिक अस्वस्थता है तो उसे तनाव को नियंत्रित करना होगा, नियमित चिकित्सा पर ध्यान देना होगा, पर्याप्त नींद लेनी होगी। समस्या से ग्रसित व्यक्ति पौष्टिक आहार लें व नियमित व्यायाम करें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निशुल्क सेवा के लिए और मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के निदान के लिए 104 पर कॉल कर भी जरुरी परामर्श ले सकते हैं।

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