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विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर जिले में हुआ शिविर आयोजित 

दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना है जरूरी: एसीएमओ

अन्नू सोनी की रिपोर्ट

एटा । जनपद में सोमवार को विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया । इस दौरान 20 महिलाओं ने नसबंदी को चुना। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने दी। सीएमओ ने बताया कि दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य गर्भ निरोधक साधनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और युवा दंपतियों को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर सूचित विकल्प देकर अपने परिवार के प्रति निर्णय लेने में सक्षम बनाना है।

डॉ. त्रिपाठी का कहना है कि जिला अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अर्बन प्राथमिक व सामुदायिक केन्द्रों एवं उपकेंद्रों व छाया वीएचएनडी सत्रों में नवीन गर्भनिरोधक छाया एवं अंतरा सहित समस्त साधन निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। लाभार्थी अपनी जरूरत अनुसार स्थाई व अस्थाई गर्भनिरोधक साधन का चयन कर सकते है।

परिवार नियोजन के सभी साधन बिल्कुल सुरक्षित है। लाभार्थी परिवार नियोजन के अस्थाई साधन के रूप में आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, अंतरा, छाया, माला-एन कंडोम आदि को चुन सकते हैं। एवं जिन दंपतियों ने अपना परिवार पूरा कर लिया है वह परिवार नियोजन के स्थायी साधन के रूप में नसबंदी को चुन सकते हैं।

नोडल अधिकारी परिवार नियोजन (एसीएमओ) डॉ. सुधीर कुमार मोहन ने बताया विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज पर नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान शाम 6 बजे तक 20 महिला नसबंदी की गई। डॉ. मोहन ने बताया कि जिले में इस वर्ष अप्रैल 2022 से अब तक 27 पुरुषों व 298 महिलाओं ने परिवार नियोजन साधन के रूप में नसबंदी को चुना है।

साथ ही 2,168 महिलाओं ने आईयूसीडी व 2,277 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी को चुना है। इस वर्ष अब तक 3,194 अंतरा इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं व 29,094 माला एन, 1.48 लाख से अधिक निरोध, 6,837 छाया गोली, 6,776 इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स वितरित की गई है।

परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि मातृ एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिहाज से दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना जरूरी है। इससे मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। साथ ही परिवार पूरा होने पर परिवार नियोजन के स्थाई विकल्प नसबंदी को चुना जा सकता है।

महिला नसबंदी अपनाने पर लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि के रूप में 2000 रुपए व पुरुष नसबंदी को अपनाने पर लाभार्थी को 3000 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है।नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाले प्रेरक को महिला नसबंदी के लिए 300 रुपए व पुरुष नसबंदी के लिए 400 रुपए दिए जाते हैं। इसके साथ ही अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर लाभार्थी को 100 रुपए प्रोत्साहन राशि व प्रेरक को 100 रुपए दिए जाते हैं।

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