– पहले हजार दिन की उचित देखभाल, जीवन बनाए खुशहाल
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
हाथरस । बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं में कुपोषण कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके के तहत जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न गतिविधयां आयोजित की जा रहीं हैं।
कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पोषण माह के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। जनपद के आंगबाड़ी केंद्रों पर पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने को लेकर रैली निकाली गई। रैली के माध्यम से नवजात के पहले एक हजार दिन, एनीमिया की रोकथाम, डायरिया प्रबंधन, स्वच्छता और पौष्टिक आहार को लेकर संदेश दिए गए। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वजन किया जा रहा है। साथ ही सेम मैम बच्चों को चिन्हित कर सूची तैयार करने का काम भी चल रहा है।
बाल विकास परियोजिना अधिकारी (सीडीपीओ) सासनी धीरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि शासन के निर्देश में सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। गर्भावस्था और जन्म के बाद के पहले 1000 दिन नवजात के शुरुआती जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था होती है, इसके प्रति आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों जागरूक करने के लिए पोषण रैली, पोषण रंगोली, पोषण पंचायत का गठन और लोगों को पोषण से जुड़ी जानकारी दी जा रही हैं ताकि कुपोषण को खत्म किया जा सके।
वहीं, लाभार्थी महिलाओं ने बताया कि उन्हें कई आवश्यक जानकारी प्रदान की जा रही है। राधा देवी ने बताया कि हमारे क्षेत्र में पोषण जागरूकता को लेकर रैली निकाली गई। जिसमें हमें पोषण से जुड़ी कई बातों के प्रति जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा हर महीने उनके बच्चे का वजन लिया जाता है, साथ ही पोषाहार भी मिलता है। किशोरी राखी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर हमें आयरन की गोली मिलती है। केंद्र पर हमें हरी सब्जियों से जुड़े फायदों के बारे में भी बताया जाता है।