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देहदान कर्तव्य संस्था ने नेत्रदान व देहदान हेतु किया जागरूक

अन्नू सोनी की रिपोर्ट

 

अलीगढ़ । डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में देहदान कर्त्तव्य संस्था ने जी टी रोड स्थित अग्रवाल सेवा सदन द्वारा आयोजित श्रीमदभागवत सप्ताह के समापन पर असंख्य भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि विशिष्ट पूजा परहित में ही है। इसमें अपना कुछ भी खर्च नहीं होता। आह्वान करते हुए कहा कि मानवीय कदम के वास्ते रूढ़ीवादिता से परे हट कर सोचना चाहिए।

अर्थात नेत्र/देहदान (मरणोपरांत) कर। देश में असंख्य लोग रंगीन दुनियां देखने के लिए प्रतीक्षा में हैं। एक व्यक्ति द्वारा दान करने पर दो लोगों की जिंदगी खुशियों से भर्ती है। दानी मरने के बाद भी दो लोगों की जिंदगी तक अदृश्य रूप में जीवित रहता है। शरीर दान से अच्छे चिकित्सक बन पाते हैं। डॉ गौड़ ने प्रधान मंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के जन्मदिन का उदाहरण देते हुए ।

कहा कि आप भी अपने जन्म,शादी, पुण्य तिथि आदि पर नेत्र/देह दान के बारे में संकल्पित हो सकते हैं। प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर लगभग एक लाख लोगों ने रक्तदान कर लगभग चार लाख रोगियों का सहयोग किया है। रक्तदान से दानी की रोग से लड़ने वाली क्षमता (इम्यून शक्ति)तो बढ़ती ही नहीं बल्कि उसका कोई नुकसान भी नहीं होता। मंच पर उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर बताते हुए कहा कि कोई प्रश्न पूंछ सकते हैँ। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष पूरन मल अग्रवाल ने मंच ने नेत्रदान हेतु संकल्पित हो गए।

डॉ गौड़ ने अपने विचार रखने के वास्ते संस्तुति देने के लिए संस्था की ओर से सचिव सी ए राजीव अग्रवाल का हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष हितैष छाबड़ा, सह सचिव रक्त वीर अजय सिंह, डॉ राजकुमार, भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक , कैलाश राठौड़, सूबेदार सिंह राघव, अजय राणा,पी पी मित्तल, दिनेश चंद अग्रवाल, एम सी
अग्रवाल, जे पी गुप्ता, सुभाष गोयल आदि सहयोगी बने।

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