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‘अपनी क्यारी-अपनी थाली’ मुहिम को सफल बनाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर बनाई जा रही है पोषण वाटिका

कुपोषण मिटाने में पोषण वाटिका का अहम किरदार

 

नीरज जैन की रिपोर्ट

 

फर्रुखाबाद । कुपोषण मुक्त, स्वस्थ और मजबूत भारत के निर्माण के उद्देश्य से यह माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। 30 सितंबर तक चलने वाले इस पोषण माह में हर दिन अलग अलग मुद्दों पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका लगाई जा रही है । इस वाटिका का मुख्य उद्देश्य लोगों को इनमें लगाए जाने पेड़ पौधों और सब्ज़ियों के उपयोग और महत्व के प्रति जागरूक करना है ।

ज़िला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने बताया कि कुपोषण खत्म करने के लिए जनपद के सभी 1752 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका बनाई जा रही है। 367 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका विकसित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जनपद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में खाली जमीन के मालिकों से संपर्क कर रही हैं। साथ ही उत्साहित कर लोगों से नींबू, करौंदा, सहजन, पालक, हरी मिर्च और धनिया के पेड़ लगवा रही हैं।

डीपीओ ने बताया कि पोषण वाटिका विकसित कर अपनी क्यारी-अपनी थाली मुहिम को घर-घर तक पहुंचाना और कुपोषण को दूर करने में पोषण वाटिकाएं सहायक सिद्ध हो रही हैं । उन्होंने बताया कि जनपद के सभी ब्लॉकों में पोषण वाटिकाएं अच्छे से विकसित की जा चुकी है । लेकिन कुछ ब्लॉक व शहर में पोषण वाटिका अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाई है क्योंकि कुछ आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में चलाए जा रहे हैं। इसीलिए संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द समन्वय स्थापित किया जाएगा और पोषण वाटिका के लिए भूमि को चिन्हित कर उन स्थानों पर बेहतर पोषण वाटिका विकसित की जाएंगी।

कमालगंज ब्लॉक की सीडीपीओ विमलेश चौधरी ने बताया कि कमालगंज में 272 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें से लगभग 25 जगह पोषण वाटिका विकसित की जा चुकी हैं । शेष केंद्रो पर जल्द ही पोषण वाटिका तैयार कर ली जाएंगी । विमलेश चौधरी ने बताया कि घर के आस-पास थोड़ी सी भी जमीन है। तो आप पोषण वाटिका विकसित कर सकते हैं पोषण वाटिका में लगी सब्जियां न सिर्फ आपको बिना पैसे के मिलेंगी बल्कि कीटनाशक रहित यानी पूरी तरह जैविक होंगी जो आप को कुपोषण से मुक्त कर सेहतमंद बनाएंगी।

उन्होंने कहा कि शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार का लंबे समय तक ना मिलना ही कुपोषण है। पोषण वाटिका के तहत कुछ पेड़-पौधे ऐसे हैं जिनको ज्यादा देख-रेख की आवश्यकता नहीं होती उन्हें आसानी से उगाया जाता है जैसे -सहजन,पपीता पालक, नीबू, लौकी, कद्दू ,धनिया मेथी, जैसे पौधों को उगाने के साथ-साथ औषधीय पौधे तुलसी, गिलोय,एलोवेरा,पुदीना को भी उगाया जा सकता है और अपनी क्यारी से अपनी थाली को सुपोषित बनाया जा सकता है।

अमानाबाद की आंगनबाडी कार्यकत्री संध्या ने बताया कि उन्होंने अपने आसपास के लोगों को जागरुक कर पोषण वाटिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी और पोषण वाटिका के लिए बीज भी वितरित किए उसके बाद कुछ लोगों ने अपने घर के आस-पास पोषण वाटिका बना ली। इसी गांव की रहने वाली रामबेटी ने बताया कि संध्या ने मुझे लौकी, कद्दू ,करेला, धनिया, पालक के बीज दिए गए जिस के बाद मुझे इनको उगाने के संदर्भ में सारी जानकारी दी गई और आज मेरी पोषण वाटिका बनकर तैयार है जिससे मुझे बहुत लाभ हो रहा है क्योंकि सब्जी बहुत महंगी है इसलिए मेरे पैसे भी बच रहे हैं और साथ ही ताजी शुद्ध सब्जी का सेवन हम सब कर पा रहे हैं।

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