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ज्ञान महाविद्यालय में शिक्षक दिवस व महाविद्यालय के रजत जयंती वर्ष पर शिक्षक सम्मान एवं काव्य सम्मेलन का आयोजन हुआ

अन्नू सोनी की रिपोर्ट

 

अलीगढ़ । ज्ञान महाविद्यालय के सरस्वती भवन में शिक्षक दिवस व महाविद्यालय के रजत जयंती वर्ष पर। शिक्षक सम्मान एवं काव्य सम्मेलन का आयोजन श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से किया गया। सारथी परिवार मथुरा, वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति, मथुरा तथा इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इण्डिया के पदाधिकारी एवं सदस्यों के साथ-साथ महाविद्यालय के चेयरमैन दीपक गोयल, प्रबन्धक  मनोज यादव, महाविद्यालय तथा ज्ञान निजी व ज्ञान दीप आई.टी.आई. के शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर वर्ग के व्यक्ति भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संयोजन व संचालन डॉ ललित उपाध्याय व डॉ नीलम सिंह ने किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. आर के. भटनागर (सेवानिवृत्त आई.ए.एस. तथा पूर्व मण्डलायुक्त) ने की प्रोफेसर के.सी. सिंघल (पूर्व कुलपति निम्स) ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभायी तथा  भरत कुमार मिश्र (जिला विकास अधिकारी, अलीगढ़) विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। ब्रज कला केन्द्र के अध्यक्ष, अलीगढ़ मैडीकल कॉलेज की डीन डॉ. ऊषा जी तथा धन्वंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज फरह (मथुरा) के प्राचार्य भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. आर.के. भटनागर (पूर्व मण्डलायुक्त) की पत्नी अनुपमा भटनागर ने भी उपस्थित रहकर कार्यक्रम में चार चाँद लगाये।

वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के सचिव एस.एस. जौहरी तथा कोषाध्यक्ष राधेश्याम बसल, इण्टरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इण्डिया (अलीगढ़ चैप्टर) के संरक्षक डॉ. ए.के. तौमर अध्यक्ष डॉ. के.सी. सिंघल, सचिव डॉ. धर्मेन्द्र कुमार अस्थाना तथा कोषाध्यक्ष श्री विघू मोहन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति के सचिव तथा कोषाध्यक्ष ने हमारे महाविद्यालय के सभी शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया ।

ज्ञान महाविद्यालय के चेयरमैन तथा अन्य पदाधिकारियों ने उपस्थित सभी अतिथि तथा कवि  के0के0 राजस्थानी, सबरस मुरसानी,मंजु शाक्य, डॉ० रसिक गुप्ता, बलजीत कौर तन्हा तथा पी०के० आजाद को सम्मानित किया। सारथी परिवार में आई जी एस आई के सभी उपस्थित पदाधिकारियों को सम्मानित किया।

कवि सम्मेलन में मंच का सफल संचालन डॉ० रसिक गुप्ता ने किया । के०के० राजस्थानी ने अपनी हास्य रस की कविता सुनाकर श्रोताओं को तालियाँ बजाने को मजबूर किया तथा अपनी वीर रस की दूसरी कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं के मन में सैनिकों के प्रति सम्मान बढ़ाया। कवयित्री  मंजू शाक्य ने श्रंगार रस की कविता “सितारे जब करे झिलमिल, जन्म लेती है तब कविता” सुनाकर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। कवि पी0के0 आजाद ने विवाहित जीवन से सम्बन्धित अपनी हास्य रस की कविता “कभी में तंग उससे कभी वो तंग मुझसे, चलो बाहर कोरोना है, घर में जंग होती है” आदि सुनाकर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।

पी.के. आजाद ने एक शहीद फौजी के बेटे के संस्मरण को कविता के रूप में प्रस्तुत किया। इस मार्मिक कविता में पिता के शहीद होने पर परिवार में आये बदलाव का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया। इससे श्रोतागण भाव विभोर हो गए। हास्य कवयित्री  बलजीत कौर ‘तन्हा’ और डॉ० रसिक गुप्ता के कविता के रूप में प्रस्तुत कथोपकथन भी बड़े मनोरंजक रहे। हास्य रस सम्राट सबरस मुरसानी ने अपनी कविता “मनुहारो पर धन फूँक दिया, जुल्फों में खुद को फँसाया है।

तब जाकर तेरे साथ, मैंने यह व्याह रचाया है” सुनाकर श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया । बलजीत कौर तन्हा ने अपनी कविता “किसी को चाह लो तो चाहत हो जाती है, लोगों को हँसा दो तो इवादत हो जाती है” सुनाकर उपस्थित लोगों को खूब गुदगुदाया। डॉ. रसिक गुप्ता ने माँ-बाप के महत्त्व पर सारगर्भित कविता सुनायी तथा नदी एवं पहाड़ का वार्तालाप कविता के रूप में प्रस्तुत कर नदी को पहाड़ से श्रेष्ठ सिद्ध किया।

विशिष्ट अतिथि भरत कुमार मिश्र (जिला विकास अधिकारी अलीगढ़) ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रत्येक कविता का उद्देश्य भावपूर्ण होना चाहिए। हमारे देश के कवियों ने अपनी कविताओं में छिपे हुए निर्देशों से देश को आगे बढ़ाया है उन्होंने वर्तमान में गुरु शिष्य सम्बन्धों में हो रहे संबधों पर चिन्ता व्यक्त की। महाविद्यालय के चेयरमैन  दीपक गोयल ने सभी अतिथि तथा कवियों का आभार व्यक्त किया।

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