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मध्य प्रदेश सरकार की पहल से दसवीं तक के स्कूली बैग साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होगा बस्ते का बोझ

राहुल वर्मा की रिपोर्ट

भोपाल। मध्य प्रदेश में स्कूली बच्चों के लिए यह राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने अपनी स्कूली बैग पॉलिसी 2020 जारी कर दी है। इसके मुताबिक दसवीं की कक्षा तक के बच्चों के बैग का भार साढ़े चार किलो से ज्यादा किसी भी कीमत पर नहीं होगा। राज्य सरकार की नई स्कूल बैग पॉलिसी के अनुसार, पांचवीं तक के बच्चों के बस्ते का वजन एक किलो 600 ग्राम से ढाई किलोग्राम तक होगा। बच्चों के बस्तों में राज्य सरकार और एनसीईआरटी द्वारा तय की गई पुस्तकों को ही रखा जाएगा, वहीं दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को अब होमवर्क नहीं दिया जाएगा।

कक्षाओं के हिसाब से तय हुआ होमवर्क :

राज्य सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी में तय किया गया है कि कक्षा तीसरी से पांचवी तक सप्ताह में दो घंटे, छठी से आठवीं तक प्रतिदिन एक घंटे और 9 वीं से 12 वीं तक के बच्चों को हर दिन अधिकतम दो घंटे का होमवर्क ही दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड और कक्षा कक्ष में बच्चों के बस्ते के वजन का चार्ट भी लगाना होगा। इसके अलावा बगैर पुस्तकों के बच्चों के लिए कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की कक्षाएं लगानी होंगी. इतना ही नहीं सप्ताह में एक दिन बच्चे बगैर बैग के स्कूल आएंगे।

11 वीं और 12 वीं के लिए भी तय होगा बस्तो का वजन :

राज्य सरकार ने स्कूल बैग पॉलिसी के जरिए जहां पहली से लेकर 10वीं तक के स्कूल बैग का वजन तय कर दिया गया है, वहीं 11 वीं और 12 वीं के मामले में शाला प्रबंधन समितियां जरूरत के आधार पर बस्ते का वजन तय करेंगी। इस नई नीति के अनुसार सरकारी, गैर सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में बच्चों के बस्ते का वजन तय होगा और उनका होमवर्क भी।

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