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मंगलकारी त्रिवेणी संयोग में घर-घर विराजेंगे मंगल मूर्ति

अन्नू सोनी की रिपोर्ट

 

अलीगढ़ । गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को घर पर लाया जाता है भगवान गणेश की प्रतिमा का जलाभिषेक कर पंचोपचार विधि से पूजन किया जाता है लोग घरों पर गणपति की अनंत चतुर्दशी तक पूजन करते हैं अनंत चतुर्दशी को ही भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। इस बार यह पर्व मंगलकारी त्रिवेणी संयोग में मनाया जाएगा

जिसमें मिट्टी से बने मंगलमूर्ति को गणेश चतुर्थी को घर घर विराजित किया जाएगा ज्योतिर्विद हिमांशु शास्त्री ने बताया की इस दिन चित्रा नक्षत्र के साथ रवि योग भी रहेगा। हालांकि इस दिन शुभ कार्यों के लिए अशुभ मानी जाने वाली भद्रा भी रहेगी, लेकिन इसका असर विघ्नहर्ता को विराजित करने में नहीं पड़ेगा। 10 दिनीमहोत्सव के दौरान विभिन्न तीज-त्योहार मनाए जाएंगे महाराष्ट्रीयन समाज में जहां तीन दिन के लिए ज्येष्ठा गौरा का आगमन होगा, वहीं दिगंबर जैन समाज के 10 दिनी पर्युषण पर्व भी शुरू होंगे। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत।

30 अगस्त को दोपहर 3.33 बजे होगी, जो 31अगस्त को दोपहर 3.22 बजे तक रहेगी गणेश मूर्ति स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र रात 12.11 बजे तक रहेगा। और इसके बाद स्वाति नक्षत्र लगेगा । वहीं सुबह 5.42 बजे से लेकर रात 12.11बजे तक रवियोग रहेगा और प्रातः काल से लेकर रात 10:46 बजे तक शुक्ल योग भी रहेगा और विशेष बात यह है कि इस दिन बुधवार भी पड़ रहा है ज्योतिर्विद पं. हिमांशु शास्त्री ने बताया मुताबिक गणेशोत्सव 31 अगस्त से 9 सितंबर अनंत चतुर्दशी तक मनाए रहेगा। भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना के श्रेष्ठ समय चतुर्थी के दिन मध्यकाल हैं इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अहितकारी माना गया हैं कहा जाता हैं इस दिन चंद्र को देखने वालों पर झूठे आरोप लगते हैं।

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