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क्षय रोग को जड़ से समाप्‍त करने में महत्‍वपूर्ण है टीपीटी (टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी) की भूमिका

क्षय रोगियों के चिन्‍हीकरण तथा इलाज के साथ पोषण में करें सहयोग– डॉ अनुपम भास्कर

(संवाददाता बबलू खान) अलीगढ़ । क्षय रोग का प्रसार को रोकने के लिए ही टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम चलाए जा रहा है। इसको सुचारु रुप से चलाने में प्राइवेट चिकित्‍सकों की भूमिका अति महत्‍वपूर्ण है। यह कहना है डॉ. नीरज त्यागी का। सीएमओ ने बताया कि क्षय रोग को जड़ से समाप्‍त करने के लिए समाजसेवी संस्‍थाओं के द्वारा निरन्‍तर लगातार प्रयास किया जा रहा है। इन प्रयासों में और भी तेजी लाने की आवश्‍यकता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनुपम भास्कर ने कहा कि क्षय रोग को समाप्‍त करने में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के साथ ही सामाजिक संगठनों, आम जन, प्राइवेट चिकित्‍सकों तथा अन्‍य लोगों को समन्वित रुप से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के इलाज के साथ ही उनके पोषण में भी सहयोग आवश्‍यक है, तभी इस रोग को जड़ से समाप्‍त किया जा सकता है। इस अवसर पर टीपीटी(टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) पर क्षय रोग उन्‍मूलन अभियान के तहत टीपीटी कार्यक्रम चलाया जाता है। इसके तहत क्षय रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवाएं मौजूद परिवार के सदस्‍यों के आयु वय के हिसाब से दी जाती हैं।

टीपीटी कार्यक्रम के बारे में विस्‍तार से दी जानकारी:

डॉ अनुपम भाष्कर ने टीपीटी माडल के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी। उन्‍होने चिकित्‍सकों को दवाओं की डोज के साथ ही बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने यह भी बताया कि टीपीटी दौरान वह किस तरह से परिवार के लोगों की जांच कराएं। ग्राफिक्‍स के माध्‍यम से उन्‍होने क्षय रोगियों के बारे में तुलनात्‍मक जानकारी दी, साथ ही बताया कि इससे पहले 5 वर्ष से कम आयु तक के सक्रिय टीबी मरीज के संपर्क में आने वाले मरीजों को उक्त थेरेपी दी जाती थी लेकिन अब टीबी मरीज के प्रत्येक संपर्क वाले व्यक्ति को स्क्रीनिंग उपरांत टीपीटी दी जाएगी।

क्षय रोगी 15 व्‍यक्तियों तक करता है रोग प्रसार:

क्षय रोग उन्‍मूलन अभियान के जिला कार्यक्रम समन्‍वयक सतेन्द्र कुमार बताते हैं कि यदि किसी आदमी को फेफड़े की टीबी है तो वह कम से कम 15 व्‍यक्तियों को टीबी फैलाता है। इसलिए टीबी मरीजों के परिवार के लोगों के उपर विशेष ध्‍यान देने की आवश्‍यकता होती है। जिला क्षय रोग केंद्र के फार्मासिस्ट संजय सेंगर ने बताया कि क्षय रोग के टीपीटी कार्यक्रम को अपनाकर ही क्षय रोग को समाप्‍त किया जा सकता है। क्षय रोग को जड़ से समाप्‍त करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को ध्‍यान में रखते हुए बेहतर कार्य करने की जरुरत है वह इस बात के लिए लोगों को जागरुक करेंगे और अगर किसी के अन्‍दर क्षय रोग की पुष्टि हो तो, उसे टीपीटी कार्यक्रम से जोड़ें।

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