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खांसी, जुकाम व बुखार में डॉक्टर की राय पर ही ले दवा – डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ जिला मलेरिया अधिकारी

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मौसम बदलते की सर्दी खांसी जुकाम और वायरल फीवर ने मरीजों की सेहत पर धावा बोल दिया है । सरकार व निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी हुई है । इन लक्षणों को कोरोना मानकर काफी दहशत में थे । सभी को समझाया गया कि हर बुखार कोरोना नहीं होता हैरत की बात यह है कि कुछ लोग इन लक्षणों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं । और कुछ खुद से ही अपने और परिवार के डॉक्टर बन गए हैं यह लोग मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खा रहे हैं । कोरोना संक्रमण काल में चिकित्सक इस प्रवृत्ति को बेहद खतरनाक मानते हैं । जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉक्टर राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि इस मौसम में वायरल- फ्लू, डेंगू, टाइफाइड आदि का प्रकोप भी बढ़ जाता है गले में जकड़न और बदन टूटने के साथ वायरल बुखार शरीर पर हमला करता है । इसकी वजह से कई तरह के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं । इसका असर एक सप्ताह से अधिक समय तक रह सकता है बच्चों में डायरिया व टाइफाइड के ठीक होने में काफी समय लगता है । कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के लिए कोई भी बुखार ज्यादा परेशानी वाला साबित होता है । कोरोना हो या अन्य बुखार, लक्षण सभी के मिलते जुलते होते हैं ।इसलिए खुद से इलाज करने की बजाय तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और कोविड-19 की निशुल्क सेवा का लाभ उठाना चाहिए जिससे और उसके साथ-साथ सही समय पर कोविड-19 की जांच भी करानी चाहिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है, इसकी अनदेखी करना कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करना है ।

मेडिकल स्टोर से इलाज खतरनाक:

मलखान सिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर एसके वर्मा ने कहा कि इंटरनेट पर दवाओं के नाम पढ़ कर खुद का इलाज करना बहुत अधिक साबित हो रहा है । डॉक्टर मरीज की प्रवृत्ति वालों लक्षणों को समझने के बाद ट्रीटमेंट शुरू करता है, मगर कुछ लोग एक ही दवा को सब के लिए कारगर मानते हैं । यह लोग मेडिकल स्टोर से दवा खरीद खरीद कर खाते रहते हैं पेन किलर खाने की आदत तो बहुत ही खराब है इससे किडनी ही खराब हो नहीं होती, दूसरी समस्या भी बढ़ सकती है । कोरोना संक्रमण काल में यह प्रवृत्ति बिल्कुल ठीक नहीं है बीमार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा चिकित्सक से संपर्क कर जांच व इलाज कराएं और अपने या अपनों के जीवन से खिलवाड़ ना करें बच्चों पर तो बिल्कुल यह प्रयोग ना करें !

वायरल फ्लू का बुखार:

-हल्के बुखार से तेज बुखार, कई बार बिना इलाज के भी ठीक

मलेरिया का बुखार:

-ठंड लगकर तीसरे दिन बुखार आना, फिर कम होते जाना

कोरोना के लक्षण:

-गले में खरास व दर्द

-जाड़ा लग कर बुखार आना

-बदन बहुत टूटना व कमजोरी

-नाक बंद होना, सूखी खांसी आना

-सांस फूलना व सांस लेते समय सीने में दर्द होना

-बुखार धीरे-धीरे बढ़ना व ठीक होने के बाद भी सांस फूलना व अन्य लक्षण

-नाक से गंध व मुंह से स्वाद का पता ना लगना

अलीगढ़ से चीफ एडिटर
अजय प्रताप चौहान

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