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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत चलाये जा रहे जन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

 ‘‘मिशन शक्ति‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को जिला मजिस्ट्रेट चन्द्र भूषण सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में ”हक की बात जिलाधिकारी के साथ” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

उत्तर प्रदेश अलीगढ़ कार्यक्रम में ज़िला मजिस्ट्रेट ने उपस्थित बालिकाओं द्वारा संवाद कर यौन हिंसा, लैगिंग असमानता, घरेलू हिंसा तथा दहेज हिंसा जैसी समस्याओं से बचने, सुरक्षित रहने और इनका डटकर मुकाबला करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की पहल के चलते आज कोई भी बालिका एवं महिला की आवाज़ को दबा नही सकता है। उन्होंने नारी शक्ति से आपसी संवाद करते हुए कहा कि यदि घर, बाहर, दफ्तर या फिर कहीं भी उनका उत्पीड़न होता है या फिर उनकी आवाज़ को बलन्द करने से कोई रोकता है, वह अपनी बात पूरी बेबाकी के साथ कह सकतीं हैं, समस्या का समाधान एवं निस्तारण ही नहीं बल्कि दोषियों के विरुध्द कठोरता के साथ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नारी, सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान के लिए हर वह कदम उठाए हैं जिनकी समाज मे आवश्यकता और कमी महसूस की जा रही थी। समूची नारी शक्ति की आवाज़ को कोई दबा न सके, वह अपनी बात, समस्या और शिकायत कर सकें, इसके लिए पूरे प्रदेश के थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। जनपद की उत्पीड़न झेल रहीं महिलाओं के लिए “वूमेन प्रोटेक्शन सेल” का गठन किया गया है, जहाँ पर नारी शक्ति बिना किसी डर भय के अपनी समस्या और शिकायत को दर्ज करा रहीं हैं। जहाँ दोनों पक्षों को एक साथ सुनकर सुलह समझौता के साथ ही आवश्यतानुसार विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए प्रकाश में आये मामलों का निस्तारण भी कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऐन आर एल एम के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। महिलाओं को उनके हुनर के हिसाब से उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित ही नही किया जा रहा हसि बल्कि उनको बाजार भी मुहैया कराया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा ने अपने संबोधन में कहा कि नारी शक्ति को अब डरने , दबने या किसी के समक्ष झुकने की ज़रूरत नही है। ज़िला एवं पुलिश प्रशासन ही बल्कि प्रदेश सरकार भी उनके साथ खड़ी है। उन्होंने समस्या और शिकायत को ज़िला और पुलिस प्रशासन के संज्ञान लाने की पैरवी करते हुए कहा कि अब बिना किसी डर भय के दुनिया की आधी आबादी को घूँघट की ओट से निकलकर दबी आवाज़ को बलन्द करना होगा, उनकी हर सम्भव मदद, सुरक्षा और सम्मान दिलाया जाएगा।

हक की आवाज़ -ज़िलाधिकारी के साथ करते हुए निधि शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में संवाद कर पूछा गया कि दहेज प्रथा निषेध है, तो फिर समाज में दहेज क्यों लिया जा रहा है? जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि इन कुरीति को जड़ से समाप्त करने के लिए समाज के सभी पक्षों को आगे आना होगा और इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी। छेड़खानी के मामलों में अधिकतर लडकियों को ही क्यों गलत समझा जाता है।जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि कानून में बदलाव किया गया है और कोर्ट में दोनों पक्षों की बात सुनकर ही उचित निर्णय लिया जाता है और मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत वाद-संवाद के माध्यम से बालिकाओं को उनकी सुरक्षा, सम्मान, स्वावलम्बन व उनके हक एवं अधिकार के विषय में बताया जा रहा है और हमारे समाज में जब तक बेटा-बेटी में भेदभाव होता रहेगा तब तक समाज और देश आगे नहीं बढ़ेगा। इसीलिए प्रदेश सरकार द्वारा मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत बालिकाओं एवं समाज को जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर जागरूक किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक अपराध अरविंद कुमार ने संवाद के दौरान बताया कि यदि महिला शक्ति को कानूनी सहायता की आवश्यकता है तो वह घर के अंदर रहकर भी टोलफ्री नम्बर 1090 डायल कर पुलिस सहायता प्राप्त कर सकती है। यदि वह थाना जाकर अपनी बात इस शिकायत दर्ज करवाना चाहती है तो प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक थाना पर महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है जहां वह अपनी समस्या शिकायत दर्ज कर सकती है। कार्यक्रम का शुभारंभ ज़िलाधिकारी द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। डीएम सीडीओ ने जनपद की नारी शक्ति से कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या शिकायत के लिए वह अपनी बात निसंकोच उचित फोरम समेत कलक्ट्रेट स्थित डब्लू पी सी दफ्तर में दर्ज कर सकतीं हैं। कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह द्वारा जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को पुष्प देकर स्वागत किया गया। उन्होंने मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत बालिकाओं को उनके हक एवं अधिकारों के विषय में भी विस्तार से बताया।

अलीगढ़ से चीफ एडिटर
अजय प्रताप चौहान

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