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राष्ट्रीय कैंसर दिवस पर चला जागरुकता अभियान

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरदुआ गंज में कैंसर से बचाव के लिये लोगों को जागरूक किया गया । सीएचसी हरदुआगंज में निकोटिन बांटे गए और अल्पाहार भी लोगों को वितरित किया गया और उसके साथ-साथ 40 से 50 मरीजों को कैंसर से बचाव के बारे में जागरूक किया गया । एसीएमओ व गैर संचारी के नोडल अधिकारी डॉक्टर खान चंद ने बताया कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में पता चलते ही मरीज आधा मर जाता है जिसमें सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है । तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है । कैंसर एक ऐसा रोग है जो किसी भी उम्र में हो सकता है युवाओं में बढ़ती दूर पान की लत कैंसर को बढ़ावा दे रही है । उन्होंने बताया कि जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचा हुआ है कैंसर के इलाज से बेहतर है उससे पहले ही अपना बचाव करना जरूरी है ।

डॉक्टर एसपी सिंह ने कहा कि सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर लोगों को कैंसर के बारे में जागरूक किया जाएगा और तंबाकू कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की जनक है ।

समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरदुआगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ब्रजमोहन ने कहा कि शुरुआती दौर में इसका पता चलने पर कैंसर का सफल इलाज होता है शरीर के किसी अंग में असमाने सूजन या कड़ापन ना भरने वाला गांव लगातार व धारिया वजन में कमी शौच तथा मूत्र में खून निकलना स्तन में सूजन 4 से 6 हफ्ते तक लगातार पतले दस्त की शिकायत शरीर में किसी भी प्रकार की परेशानी पर डॉक्टर से सलाह के अनुसार जांच करानी चाहिए । डॉक्टर सना शादाब (डेंटल सर्जन) ने बताया 2014 से डॉक्टर हर्षवर्धन यूनियन हेल्थ मिनिस्टर 7 नवंबर राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है इसकी मदद से हमले में रुक सकते हैं तथा उन्होंने यह भी बताया कि 2018 में डेढ़ लाख मौत जो हुई है । वह मुंह के कैंसर से हुई हैं । जिनमें से 3 लाख मौत गुटखा व चैनी खैनी खाने की वजह से हुई है । उन्होंने यह भी बताया कि सुबह-शाम सही तरीके से ब्रश करें, अथवा गुटखा खाने से प्रयास करें और इसके साथ-साथ जीवन शैली के अनुकूल परिवर्तन वजन को नियंत्रित रखना, सक्रिय रहना, नियमित स्वास्थ्य की जांच एवं समय-समय पर कैंसर की जांच, धूम्रपान और शराब का सेवन ना करें और गुटखा खाने आदि से भी बचें गैर संचारी कार्यक्रम कि डॉक्टर रागिनी ने बताया कि सर्वाइकल एरिया में होने की वजह से यह गर्भाशय में कोशिकाओं के अनियमित बढ़ोतरी की वजह से होता है । कई बार ये हार्मोन अल पैपिलोमा वायरस यानी एचपीवी के कारण भी होता है । इसके अलावा इसमें बार-बार होने वाली प्रेगनेंसी एक से ज्यादा पार्टनर के साथ फिजिकल रिलेशन बनाना जैसे वजह के कारण भी होता है । उन्होंने यह भी बताया कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए उन महिलाओं का टेस्ट कराया जाना चाहिए जिन महिलाओं में इस कैंसर को लेकर ज्यादा परेशानी होती है । उन्होंने बताया कैंसर ऐसा रोग है, जिसका अभी तक मेडिकल साइंस के पास कोई परमानेंट इलाज नहीं है और इसलिए लोग इस रोग के नाम से ही भयभीत हो जाते हैं यूं तो कैंसर कई प्रकार के होते हैं परंतु यदि कोई ऐसा कैंसर हो जो बहुत सामान्य हो यानी जिसके होने की संभावना बहुत ज्यादा हो, तो वह माउथ कैंसर यानी मुंह का कैंसर किसी भी भाग में हो सकता है जैसे गाल जबड़े मसूड़े आदि ।

मुंह के कैंसर के लक्षण

जब मुंह में सफेद धब्बे नजर आने लगे और जब यह धब्बे बार बार मुंह को तोड़ने या नहाने से भी ना जाए तो इसे ल्यूकोपलाकिया कहते हैं यह मुंह के कैंसर का शुरुआती लक्षण है । मुंह का कैंसर होने के कुछ अन्य कारण भी देखे गए हैं जैसे- आवाज में परिवर्तन, भोजन को चबाने और निकलने में दिक्कत, झगड़ा और जीभ लाने में परेशानी का अनुभव होना आदि । इस राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता के दिवस पर गैर संचारी के नोडल डॉक्टर खानचंद, गैर संचारी की डॉक्टर रागिनी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ब्रजमोहन, डेंटल सर्जन डॉ सना शादाब, और मोहम्मद फारुख (डेंटल हाइजीनिस्ट), संजीव फार्मासिस्ट अथवा कर्मचारी सहित स्टाफ आदि मौजूद रहा ।

अलीगढ़ से चीफ एडिटर
अजय प्रताप चौहान

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