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कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए वरदान बना डीईआईसी

(जेएन मेडिकल कॉलेज में स्थापित सेंटर बच्चों की जन्मजात बीमारी का कर रहा इलाज)

(मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा सेंटर बनानेे सेे मिल रही सहूलियत)

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जेएन मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत डिस्टिक अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) की स्थापना की गई है ! सेंटर पर 0 से 6 साल तक के उन बच्चों का जो जन्मजात बीमारियों से ग्रसित होते हैं उसका उपचार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है इस केंद्र पर अलीगढ़ के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से बच्चों को रेफर किया जा जा रहा है । जिनका स्वास्थ्य परीक्षण कर समुचित उपचार किया जा रहा है  इस केंद्र पर 4D जैसे डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी, डिजीज, डेवलपमेंटल डिले इसके अंतर्गत 30 बीमारियों के उपचार की व्यवस्था की गई है ! इनमें बच्चों में होने वाली बीमारियां गूंगापन, बहरापन, और पैरों का टेढ़ापन, अंधापन, कटे होंठ व तालु, अंदर को मुड़ी हुई उंगलियां, जन्मजात या बचपन से होने वाला मोतियाबिंद, जन्मजात बहरापन, दिल में छेद व आंखों से संबंधित बीमारी, खून की कमी, विटामिन ए, विटामिन डी की कमी व अति कुपोषित, घेघा, चर्म रोग व कान में संक्रमण जैसी होनेे वाली बीमारियां शामिल हैं ! केंद्र पर कंसल्टेंसी की जाती है उसके बाद  स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है । बीमारी के अनुसार अलग-अलग विभाग में संदर्भित किया जाता है जिससे बच्चे का समुचित इलाज हो सके । इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जेएन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ में पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी यूनिट की स्थापना की गई है जिसके अंतर्गत बच्चों के दिल में छेद का समुचित इलाज एवं सर्जरी की जाती है जिसमें यह यूपी का पहला ऐसा सेंटर है जिसमें पूरे प्रदेश से बच्चे आकर यहां इलाज पाते हैं । सेंटर के नोडल अधिकारी डॉक्टर उजमा फिरदौस एवं डॉक्टर शाहद अबकरी के प्रयास से बच्चों का इलाज किया जा रहा है ।आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ एस पी सिंह ने कहा की न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट स्पाइनल कार्ड और रीड की हड्डी की जन्मजात विकृति है, यह तब तक दिखता है जब दिमाग और रीढ़ की हड्डी में ऐसा विकार बन जाए कि यह पूर्ण रुप से बंद होने में विफल हो जाए । न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले हफ्तों में ही हो जाता है  जो क्रोमोसोम में 21 की कमी तीसरी प्रतिलिपि के सभी या किसी भी हिस्से की उपस्थिति के कारण होता है जिसका इलाज इस केंद्र पर मौजूद विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है । नोडल अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह ने कहा की प्रियाडिक कार्डियक इवोल्यूशन एंड कार्डियक सर्जरी यूनिक बनी हुई है उसमें आधुनिक उपकरणों से बच्चों के छेद की बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है ! अब तक 480 बच्चों का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया जा चुका है इसका खर्च एक लाख से डेढ़ लाख के बीच में आता है और यह गरीब परिवारों को निशुल्क सुविधा दी जा रही है ।सेंटर के मैनेजर मोहम्मद अनवर सिद्दीकी ने बताया यूपी के 75 जिलों से बच्चे यहां पर अपना इलाज कराने आते हैं ।जेएन मेडिकल कॉलेज में डीईआईसी में इलाज के लिए प्रिंसिपल एंड सीएमएस डॉक्टर शाहिद अली सिद्दीकी, और पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉक्टर कामरान अफजल का महत्वपूर्ण योगदान है ।

अलीगढ़ से जिला
संवाददाता गौरव वर्मा

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