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प्रधानमंत्री के व्रक्ष लगाओ हरियाली लाओ नीति को फेल कर रहे निगम के आलाधिकारी

नगर आयुक्त साहब पैसे देने के बाद आपके सफाई कर्मचारी करते हैं काम

अलीगढ़ – शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नगर आयुक्त ने कमर कस ली है। वही शहर को जलमग्न होने से बचाने के लिये प्रतिदिन शहर में अतिक्रमण हटाने की कड़ी कार्यवाही चल रही है। इसी क्रम में रामघाट रोड़ स्थित ज्ञान सरोवर पॉश कालोनी में सरकार ने कॉलोनी वासियों को 100 फुट रोड़ देने का वादा भी किया था। और 100 फुट का ज्ञान सरोवर रोड़ भी दिया। और साथ ही बाकी ज्ञान सरोवर को जोड़ने वाली गलियां को ऊँचे स्थान पर बना दिया जिसका कारण ये हुआ की ज्ञान सरोवार कॉलोनी की सड़क निचले स्थान पर आ गयी। जिसकी वजह से जरा सी बारिश में ज्ञान सरोवर कॉलोनी में आये दिन जलमग्न की स्थिति देखने को मिलती है। और दूसरे नजरिये से देखा जाये तो वर्तमान में ज्ञान सरोवर कॉलोनी में 20 फूट की सड़क है। और ऊपर से जलमग्न की स्थिति दोनों को ध्यान में रखते हुये। नगर आयुक्त ने ज्ञान सरोवर कॉलोनी निवासीयों को सुचना दी है। कि 10 सितम्बर तक नाली से बाहर बने अवैध कब्जे को ध्वस्त किया जायेगा। वही अगर ज्ञान सरोवर 100 फुटा निवासियों की माने तो उनका कहना है। कि हम प्रधानमंत्री के आदेश पर हरियाली लाने को अपने घर के आगे व्रक्ष लगाकर हरियाली की है। जिन्हें हमने बहुत ही मुश्किल से सींचा है। और हम किसी क़ीमत पर इस हरियाली को बर्बाद होने नही देंगे। वही स्थानीय पार्षद रश्मि ने कहा है। मैं यहाँ के निवासियों के साथ हूँ और में निगम के इस रवैये की घोर नींदा करती हूँ। और स्थानीय निवासी अपने निजी खर्चे से वाटर हार्वेस्टिंग करवा रहे है। और अगर बात कर नगर निगम की तो वह अपने कार्य के प्रति ईमानदार नहीं है। अलीगढ़ शहर में जहां चारों तरफ जलभराव की समस्या से शहरवासी जूझ रहे हैं वही उनकी परेशानियों को कम करने की जगह उल्टा नगर निगम कर्मचारी बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं शहर में चारों तरफ अतिक्रमण अभियान चलाकर जनता को परेशान किया जा रहा है। क्या अतिक्रमण हटने से शहर में जलभराव जैसी समस्या का समाधान हो पाएगा या नहीं जब नाले नालियों की साफ-सफाई निगम कर्मचारी कुछ चंद पैसों के लालच में नाले नालियों की सफाई नहीं करते हैं। तो ऐसे में जलभराव की समस्या तो उत्पन्न होना लाजमी है। शहर के प्रत्येक कॉलोनियों में निगम सफाई कर्मचारी कार्य तो कर रहे हैं । पर वह सभी कार्य राम भरोसे चल रहा है। अगर आप पैसे देते हैं। तो आपका काम अच्छे से किया जाएगा और नहीं देने पर आपकी बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दी जाती है। फिर आप उसके बाद कितनी भी शिकायत करें या फिर किसी उच्च अधिकारी से विनती आपकी बातों को सुनकर अनसुना कर दिया जाता है। जिसका खामियाजा मासूम जनता को भुगतना पड़ता है। गौर करने वाली बात यह है। कि इन सब में दोषी कौन है वह भ्रष्ट नगर निगम कर्मचारी या फिर मासूम जनता।

अलीगढ़ से जिला
संवाददाता गौरव वर्मा

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